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बीएचयू की तरह एमपी के इन कैंपस की छात्राओं से भी छेड़छाड़, यहां लड़के बेधड़क आ जाते है अंदर

locationजबलपुरPublished: Sep 27, 2017 10:20:27 am

Submitted by:

deepankar roy

आदिवासी छात्रावासों का कमजोर सुरक्षा घेरा, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, जिम्मेदार बेफिक्र

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Like the BHU MPs of these campus have also been tampered with

जबलपुर। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ छेडख़ानी के मामले ने जहां तूल पकड़ रखा है। वहीं, शहर में छात्रावासों में रहने वाली छात्राएं भी रोज ऐसी ही छेडख़ानी का शिकार हो रही है। सरकार एक तरफ छात्राओं की सुरक्षा की बात कर रही है। दूसरी ओर छात्रावासों की सुरक्षा के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है। शहर के कई शासकीय कन्या छात्रावास बिना सुरक्षा गार्ड के संचालित हो रहे हैं। हालात ऐसे है कि यहां लड़के बेधड़क अंदर तक चले जाते है। शहर के मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक छात्रावासों में भी स्थित कुछ ऐसी है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति आसानी से अंदर प्रवेश कर सकता है।
आया और सफाई कर्मी के भरोसे सुरक्षा
शहर के अधिकांश छात्रावास आया और सफाई कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं। सुरक्षा के नाम पर इन्हें दोहरी जवाबदारी सौंप दी गई है। कई बार विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। राइट टाउन छात्रावास, गंगानगर, शास्त्री नगर जैसे छात्रावासों में एेसे ही हाल हैं।
पुलिस की नहीं व्यवस्था
शहर में संचालित कन्या छात्रावासों की सुरक्षा के लिहाज से किसी भी छात्रावासों अथवा उसके आसपास पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं है। निजी सुरक्षा गार्ड भी किसी छात्रावास में नहीं हैं। सुरक्षा के नाम पर शाम ढलते ही छात्रावास के आसपास असमाजिक तत्वों का जमघट लगना शुरू हो जाता है।
ये है हालात
– राइटटाउन स्थित पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के पास ही गैरज चल रहा है। यहां करीब 120 छात्राएं अध्ययनरत हैं। पास ही चाय पान के ठेले लग रहे हैं। दिन भर लोगों की आवाजाही लगी हुई रहती है। कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है।
– गंगानगर स्थित कन्या छात्रावास स्कूल परिसर में ही संचालित हो रहा है। यहां करीब 80 छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रही हैं। सुरक्षा के लिए अलग से व्यवस्था नहीं है। स्कूल का चौकीदार ही दोनों जगह की ड्यूटी करता है।
– रामनगर, धनवतंरी नगर छात्रावास दोहरे प्रभार पर चल रह हैं। करीब 100 छात्राएं छात्रावास में रह रही हैं। यहां स्थायी महिला अधीक्षक नहीं है। प्रभारी के रूप में कई बार निर्णय लेने में वरिष्ठ अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता है जिससे परेशानी पैदा होती है।
यह है समस्या
छात्रावासों में पुलिस की तैनाती नहीं
चौकीदार के भरोसे व्यवस्था
एंट्री गेट पर आने जाने के रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं
छात्रावासों के बाहर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं
छात्रावासों के आसपास चाय-पान के ठेले
विभागीय स्तर पर गार्ड के लिए विचार
आदिवासी विकास विभाग में छात्र संयोजक पीके सिंह के अनुसार छात्रावासों की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए गए हैं। यह बात जरूर है कि सुरक्षा गार्ड नहीं हैं। इसके लिए विभागीय स्तर पर विचार किया जा रहा है।
यह है स्थिति
35 कन्या छात्रावास
04 पोस्ट मेट्रिक छात्रावास
1750 कुल अध्यनरत छात्राएं
300 पोस्ट मेट्रिक छात्राएं
1450 प्री मेट्रिक छात्राएं

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