मेडिकल ट्रीटमेंट में बढ़ा रुझान
दिखना हर किसी की चाहत होती है। कोई सजना के लिए संवरती है तो कोई ब्यूटी कॉन्शियस है। शहर की बात करें तो खूबसूरत दिखने की चाह ने शहर के ब्यूटी मार्केट को बढ़ा दिया है। यही कारण है कि शहर में पिछले दस सालों में कॉस्मेटिक्स के कारोबार में जबर्दस्त बदलाव देखने को मिला है। इसमें जहां इंटरनेशनल ब्रांडेड प्रोडक्ट की संख्या में इजाफा हुआ है, वहीं ब्यूटी ट्रीटमेंट के साथ मेडिकल ट्रीटमेंट ने भी रूप की छवि को निखारने का काम किया है।
पिछले एक दशक में बड़ा बदलाव
बात की जाए पिछले दस सालों के अंतराल की तो शहर के रूप निखारने के प्रोडक्ट और वैरायटीज को लेकर गजब का बदलाव देखने को मिलता है। २०१० से लेकर २०१२ तक लोग सिर्फ ब्यूटी क्रीम्स तक सीमित थे, वहीं २०१३ से २०१४ के बाद से कॉलेज गोइंग गल्र्स और लेडीज के लिए हर रोज मेकअप किट्स भी अवेलेबल होने लगी। २०१५ से लेकर २०१६ के बीच तरह-तरह की बीबी, सीसी और अन्य कॉम्पलेक्शन क्रीम ने रूप का निखार लगातार बढ़ाने का काम किया है। २०१७ की शुरुआत से ही लाइट मेकअप किट्स और रिफ्रेशमेंट वाइप्स ने फेस ग्लो बढ़ाया है।
निखार रहे काया
शहर में अब रूप निखारने का काम ब्यूटी क्लीनिक्स भी कर रहे हैं। इनमें कई तरह के ट्रीटमेंट एेसे हैं जो अलग ढंग से ही रूप का कायाकल्प करने का काम कर रहे हैं। शहर में अब सर्जरी को लेकर भी ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इसमें स्पॉट्स रिमूविंग, लिप सर्जरी का ट्रेंड भी अब शहर में बढ़ रहा है। स्किन को लेकर सबसे ज्यादा मेडिकल और ब्यूटी ट्रीटमेंट किए जा रहे हैं।
पार्लर्स इन सिटी
ब्रांडेड पार्लर्स १४०
नॉन ब्रांडेड बिग पार्लर्स ५२०
सामान्य पार्लर्स ५,०००
कॉस्मेटिक शॉप इन सिटी
टोटल डिस्ट्रिब्यूटर्स २,०००
टोटल बिग शॉप्स ५,२००
टोटल कॉस्मेटिक शॉप्स २०,०००
ब्रांड्स की स्थिति
इंटरनेशनल ब्रांड्स २० से २२
नेशनल ब्रांड्स ४० से ४१
लोकल ब्रांड्स ५० से ६०
स्पेशलिष्ट कहती हैं