scriptlive in relationship : प्रेमी के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह सकती है शादीशुदा महिला, आया ये बड़ा फैसला | live in relationship with married woman, hc decision | Patrika News

live in relationship : प्रेमी के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह सकती है शादीशुदा महिला, आया ये बड़ा फैसला

locationजबलपुरPublished: Jul 27, 2019 11:31:41 am

Submitted by:

Lalit kostha

युवती से फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई

Married woman rape

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने अहम आदेश में कहा कि ऐसी दशा में जबकि विवाहित महिला का पति से तलाक का मामला निचली अदालत में लंबित है, उसका पति उसे मारता-पीटता व प्रताडि़त करता है। वह अपनी मर्जी से दूसरे युवक के साथ रहने के लिए स्वंतत्र है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच ने इस निर्देश के साथ कटनी निवासी युवक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण कर दिया। कोर्ट ने बच्चों की कस्टडी के लिए युवती को कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष अर्जी पेश करने को कहा।

हाईकोर्ट का युवक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्देश

यह है मामला

प्रकरण के अनुसार डिंडोरी निवासी एक विवाहित युवती जून 2019 में अपने पति के घर से गायब हो गई । युवती के पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई । जांच के बाद पुलिस ने युवती को कटनी के माधव नगर निवासी विक्की आहूजा के घर से लाकर उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। इस पर विक्की आहूजा ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की।

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फेसबुक पर हुई दोस्ती
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की डिंडोरी निवासी युवती से फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई। बाद में यह दोस्ती प्रेमसंबंध में परिणित हो गई। लेकिन उसकी प्रेमिका को उसके पति व माता-पिता की मिलीभगत से डिंडोरी में जबरन बंधक बनाकर रखा गया है। जबकि वह याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने शुक्रवार को युवती को पेश किया। युवती ने कोर्ट में बताया कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है। पति प्रताडि़त करता व मारता-पीटता है। इसकी वह पुलिस में शिकायत भी कर चुकी है। पति से तलाक के लिए उसने अदालत में केस भी लगा रखा है। अब वह पति के साथ नहीं, बल्कि विक्की आहूजा के साथ रहना चाहती है। अधिवक्ता अंकित सक्सेना, राहुल दिवाकर ने युवती के दो बच्चे भी उसे दिलाने का अनुरोध किया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने युवती की मर्जी के अनुसार उसे याचिकाकर्ता युवक के साथ जाने की इजाजत दे दी। बच्चों के लिए सक्षम कोर्ट में जाने की छूट प्रदान की। राज्य सरकार का पक्ष शासकीय अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने रखा।

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