जबलपुरPublished: Jul 16, 2021 07:20:38 pm
shyam bihari
मप्र में न्यायिक कार्य में पारदर्शिता की दृष्टि से उठाया गया है कदम
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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण यानी लाइव स्ट्रीमिंग सफलता की ओर अग्रसर है। न्यायिक कार्य में अधिकाधिक पारदर्शिता की दृष्टि से इस कदम की सराहना हो रही है। कोर्ट रूम प्रोसीडिंग की रियल टाइम टेलीकास्ट होने से पक्षकारों को अपने मामले की सुनवाई के दौरान अपने वकील व दूसरी तरफ के वकील की जिरह सुनने को मिल जाती है। साथ ही सहज, सरल व त्वरित न्यायदान की दिशा में भी यह प्रक्रिया मील का पत्थर साबित हो रही है। रजिस्ट्रार जनरल आरके वाणी ने बताया कि दोनों तरफ के वकील मामले की सुनवाई सार्वजनिक होने की वजह से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तैयारी के साथ बहस शुरू करते हैं। इससे वकालत की गुणवत्ता में भी जाहिर तौर पर इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं न्यायाधीश भी मामले को स्टडी करके एक-एक शब्द नापतौल कर बोलते हैं।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लाइव स्ट्रीमिंट का आगाज 21 जून को हुआ था। पहले पहल प्रायोगिक तौर पर महज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच को इसमें शामिल किया गया। फिर एक के बाद एक कुछ अन्य कोर्ट भी लाइव स्ट्रीमिंग का हिस्सा हो गईं। यूट्यूब के जरिये लोगों ने सुनवाई को देखा और सुना। सुप्रीम कोर्ट ने स्वप्निल त्रिपाठी के मामले की सुनवाई करते हुए अपने महत्वपूर्ण निर्णय में मुकदमों की सुनवाई के टेलीकास्ट की आवश्यकता को रेखांकित किया था। इसे न्यायिक पारदर्शिता के लिए अनिवार्य बताया था। जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट से शुरू हुई लाइव स्ट्रीमिंग धीरे-धीरे देश के हाई कोर्ट का भी वर्क कल्चर बनने लगी। मप्र हाईकोर्ट इस तरह की पहल करने वाले हाइकोर्टों के बीच अग्रिम पंक्ति में है।