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#Lock Down 21 Days : नर्मदा तटों से भीड़ हटी तो निर्मल होने लगा जल, प्लांट की गुणवत्ता भी बढ़ी

locationजबलपुरPublished: Apr 03, 2020 08:44:56 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

विशेषज्ञों का मानना है कि बीओडी और कोलीफॉर्म का स्तर भी हुआ कम

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narmda river

जबलपुर।  शहर के लाखों लोगों का रोजाना दबाव झेलने वाली नर्मदा नदी का जल शांत नजर आ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार लॉक डाउन के कारण नर्मदा के सभी तटों में मानव दबाव कम होने के कारण पुण्य सलिला का जल कंचन हुआ है। बुजुर्गों के अनुसार भयंकर बाढ़ के हालात रहे हों या कड़ाके की ठंड हर सीजन में हमेशा ही रेवा तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। गर्मी के दिनों में सुकून के पल बिताने के लिए तटों पर लोगों का तांता लगा रहता है। ये पहला अवसर है जब लगातार इतने दिनों तक नर्मदा तटों से लोग दूर हैं। भू जल विद् ने जनवरी के महीने में नर्मदा तट खारी घाट से सैम्पल जुटाकर जांच की थी, उसकी रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर मानकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा था।

ए श्रेणी में है नर्मदा जल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मासिक रिपोर्ट से लेकर सालाना रिपोर्ट के अनुसार नर्मदा जल ए श्रेणी में है। पिछले 4 साल में नर्मदा के जल स्तर की गुणवत्ता की स्थिति सुधरी है। हालांकि पीसीबी पहले नर्मदा तटों से सैंपल लेकर गुणवत्ता की जांच करता था। बाद में जारी हुई गाइड लाइन के अनुसार अब नदी के बीचों-बीच से सैंपल लेकर जांच की जाती है। इस क्षेत्र में तटों के मुकाबले प्रदूषण कम होता है।
लॉक डाउन के दौरान नर्मदा में मानव दबाव कम होने से जल की गुणवत्ता और बेहतर होगी। हालांकि नर्मदा जल पिछले चार साल से ए श्रेणी में है, जिसे सबसे अच्छा माना जाता है।
एसके खरे, वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

जनवरी में नर्मदा तट खारी घाट से सेंपल लेकर जांच की थी, उस दौरान जल प्रदूषण का स्तर तय मानकों के मुकाबले ज्यादा पाया गया था। लॉक डाउन के दौरान तटों में मानव दबाव कम होने से निश्चित तौर पर नदी में प्रदूषण का स्तर घटेगा।
विनोद दुबे, भूजल विद्

नर्मदा मैया के स्वास्थ्य के लिहाज से भी सकारात्मक प्रभाव हुआ है, जलीय जीवों को भी इसका लाभ मिलेगा।
प्रो एचबी पालन, सेवानिवृत्त प्रोफेसर

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