जबलपुर

कलेक्टर साब यह है आपकी व्यवस्था… एक रैन बसेरे में लटका है ताला, दूसरे में कैदियों का डेरा

जबलपुर के सिविल लाइन से लेकर ओमती के बीच रात में आश्रय के लिए भटक रहे बुजुर्ग और जरूरतमंद
 

जबलपुरFeb 05, 2021 / 11:51 pm

shyam bihari

रैन बसेरा के इसी स्थल को जिला अस्पताल प्रबंधन ने सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए किया है चिन्हित।

 

जबलपुर। कई जरूरतमंद अपना डेरा जबलपुर के कचहरी दरगाह के पास और फुटपाथ पर लगाने को मजबूर हैं। असहाय और बुजुर्गों को भी आश्रय स्थल नसीब नहीं हो रहा है। एल्गिन अस्पताल परिसर में बने आश्रय स्थल में ताला लटका है और रेलवे स्टेशन के पास बने रैन बसेरा में एक साल से सजायाफ्ता कैदियों का डेरा है। एल्गिन अस्पताल परिसर में रैन बसेरा भवन बनकर तैयार हुए एक साल बीत गया। लेकिन रैन बसेरा भवन आज तक निगम को सुपुर्द नहीं किया गया। निगम प्रशासन का कहना है की अस्पताल प्रबंधन से कई बार भवन की मांग की गई। लेकिन आज तक भवन नहीं सौंपा गया। सूत्रों के अनुसार अस्पताल प्रबंधन भवन में गंदे कपड़ों की धुलाई के लिए मशीनरी लगाने की तैयारी में है।
साल भर से नहीं किया खाली
रेलवे स्टेशन के समीप गोकुलदास धर्मशाला स्थित रैन बसेरा निराश्रितों का बड़ा सहारा रहा है, लेकिन इस आश्रय स्थल में सालभर से सजायाफ्ता कैदियों का डेरा है। सामाजिक न्याय विभाग ने कोरोना संकट को देखते हुए तात्कालिक व्यवस्था के तहत निगम प्रशासन से बात करके सजायाफ्ता कैदियों के ठहरने की व्यवस्था कराई थी। लेकिन आज तक रैन बसेरा खाली नहीं किया गया। रेलवे स्टेशन के समीप फिलहाल जरूरतमंदों के ठहरने के लिए कोई विकल्प नहीं है।

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