चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं जिले में
जिले में चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें अधारताल, रिछाई, उमरिया-डुंगरिया और हरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र शामिल है। मनेरी भले ही मंडला जिले में आता है लेकिन वह भी जबलपुर के नजदीक है। उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 4 हजार 80 सूक्ष्म उद्योग, 280 के करीब लघु उद्योग हैं। मध्यम उद्योगों की संख्या 10 से ज्यादा है। इन उद्योगों में 14 हजार 8 सौ से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। इसी प्रकार वृहद उद्योगों की संख्या भी 18 से अधिक है। इनमें करीब 20 हजार कर्मचारी और स्टाफ कार्य करता है। जो माल जहां, वही रखा रह गया है। जो रॉ मटैरियल है वह भी नष्ट होने की आशंका है। ऐसे में उद्योगपति एवं शासकीय संस्थानों के नियोक्ता इसकी भरपाई के लिए रणनीति बनाने लगे हैं।
जिले में चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें अधारताल, रिछाई, उमरिया-डुंगरिया और हरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र शामिल है। मनेरी भले ही मंडला जिले में आता है लेकिन वह भी जबलपुर के नजदीक है। उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 4 हजार 80 सूक्ष्म उद्योग, 280 के करीब लघु उद्योग हैं। मध्यम उद्योगों की संख्या 10 से ज्यादा है। इन उद्योगों में 14 हजार 8 सौ से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। इसी प्रकार वृहद उद्योगों की संख्या भी 18 से अधिक है। इनमें करीब 20 हजार कर्मचारी और स्टाफ कार्य करता है। जो माल जहां, वही रखा रह गया है। जो रॉ मटैरियल है वह भी नष्ट होने की आशंका है। ऐसे में उद्योगपति एवं शासकीय संस्थानों के नियोक्ता इसकी भरपाई के लिए रणनीति बनाने लगे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में उद्योगपति भी सहभागी हैं। निश्चित रूप से उद्योगों के बंद होने से नुकसान होगा। ऐसे में शासन हमारी मदद कर सकता है।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जबलपुर में ज्यादातर छोटी इंडस्ट्री हैं। इनके कारोबार पर लंबे समय तक असर रहेगा। श्रमिकों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है। यह ऐसा समय है जब सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
प्रेम दुबे, चेयरमैन जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
प्रेम दुबे, चेयरमैन जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री