जबलपुर

Lockdown : इंडस्ट्री बंद होने से काम ठप, 58 हजार से ज्यादा श्रमिक खाली हाथ

जिले की चार आयुध निर्माणियों सहित छोटे-बड़े हजारों उद्योगों पर असर
 

जबलपुरMar 27, 2020 / 08:54 pm

reetesh pyasi

Textile industry has no place in Gehlot’s seven resolutions in bhilwara

जबलपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने सभी शासकीय और अशासकीय उद्योगों को बंद करवा दिया है। ऐसे उद्योग ही चल रहे हैं जिनमें अत्यावश्यक वस्तुओं का उत्पादन किया जा रहा है। जिले में सेना के लिए रक्षा उत्पादों को तैयार करने वाली चार आयुध निर्माणियां बंद हैं। इसी प्रकार चार हजार 3 सौ से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में काम लगभग बंद है। इनमें रोजाना करीब 45 करोड़ रुपए की वस्तुओं का उत्पादन होता है। करीब 58 हजार श्रमिक एवं कर्मचारी घर बैठे हैं।
चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं जिले में
जिले में चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें अधारताल, रिछाई, उमरिया-डुंगरिया और हरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र शामिल है। मनेरी भले ही मंडला जिले में आता है लेकिन वह भी जबलपुर के नजदीक है। उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 4 हजार 80 सूक्ष्म उद्योग, 280 के करीब लघु उद्योग हैं। मध्यम उद्योगों की संख्या 10 से ज्यादा है। इन उद्योगों में 14 हजार 8 सौ से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। इसी प्रकार वृहद उद्योगों की संख्या भी 18 से अधिक है। इनमें करीब 20 हजार कर्मचारी और स्टाफ कार्य करता है। जो माल जहां, वही रखा रह गया है। जो रॉ मटैरियल है वह भी नष्ट होने की आशंका है। ऐसे में उद्योगपति एवं शासकीय संस्थानों के नियोक्ता इसकी भरपाई के लिए रणनीति बनाने लगे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में उद्योगपति भी सहभागी हैं। निश्चित रूप से उद्योगों के बंद होने से नुकसान होगा। ऐसे में शासन हमारी मदद कर सकता है।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जबलपुर में ज्यादातर छोटी इंडस्ट्री हैं। इनके कारोबार पर लंबे समय तक असर रहेगा। श्रमिकों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है। यह ऐसा समय है जब सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
प्रेम दुबे, चेयरमैन जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
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