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चाय-पान के ठीये चुनावी चर्चाओं से हुए गुलजार
मतदान के बाद चलने लगी दिलचस्प बहस, कयासों के दौर ने जोर पकड़ा
कुछ अलग, कुछ खास होना है
काय बड्डे कौन जीत रओ लोकसभा? हनुमानताल के समीप ठीये पर युवाओं के बीच मंगलवार को ये ही चर्चा छिड़ी थी कि आखिर चुनाव कौन जीतने वाला है? दयाराम, कल्लू रैकवार और कन्हैया सोनकर ने कहा कि ‘तेज धूप में भी भैया, बहन, अम्मा, दादा सब कोई वोट डारबे निकरे।’ मतलब, कुछ अलग होगा। कुछ का तर्क था कि वोटिंग का प्रतिशत बढ़ा है मतलब लोग घरों से इसीलिए वोट डालने निकले कि कुछ खास हो।
सबके अपने तर्क, हमेशा से अलग चुनाव
मतदान के दूसरे दिन का सूरज चुनावी कयासों और चर्चाओं के बीच निकला। रसल चौक के पास खड़े रंजीत, प्रफुल्ल जायसवाल, बलजीत कोहली, कृष्णकांत, श्याम सुंदर, शेरू खान, आकाश, रत्नेश और दशरथ के बीच बहस छिड़ी थी कि आखिर कौन होगा देश का सरताज? सबके अपने-अपने तर्क थे। लेकिन एक जगह आकर सभी एकमत हो गए कि इस बार का चुनाव हमेशा से अलग है। अधिक मतदान को लेकर भी एक राय नहीं थी।
छात्र-छात्राओं के बीच भी खूब चली चर्चा
23 को मतपेटी खुलेगी, तब पता चलेगा कौन जीत रहा है। अरे अश्वनी भाई शर्त लगाओ इस बार तो फिर से…उहें जितहें। लोकसभा चुनाव में मतदान के दूसरे दिन शासकीय महाकोशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के बीच जीत-हार पर दिलचस्प चर्चा छिड़ी थी। छात्रा प्रियंका सिंह ने कहा इस बार शहर विकास के नाम पर वोट पड़े। मुस्कान बानो, अजय अहिरवार ने कहा कि युवा को रोजगार मिले।
जबलपुर को अच्छा सांसद मिले, यही तमन्ना
जिला अदालत के कॉरीडोर में चर्चारत महिला वकीलों के एक गु्रप ने कहा कि उन्हें अच्छा सांसद मिलने की उम्मीद है। दोनों प्रमुख प्रत्याशियों को समझदार बताया। जिला बार एसोसिएशन की कार्यकारिण्ी सदस्य ज्योति कुरील ने कहा कि देश की मजबूती के लिए वोट किया। अधिवक्ता रिंकू राय ने कहा कि इस बार चुनाव देश की सुरक्षा के नाम पर हुए। अधिवक्ता विजयलक्षमी व गोपाल पटेल ने कहा कि शहर सुरक्षित-सुंदर बना रहे।