जबलपुरPublished: Apr 27, 2019 01:42:43 am
shyam bihari
लोकसभा चुनाव 2019 : जबलपुर का मामला कोर्ट पहुंचा
netaji
जबलपुर। निर्वाचन कार्यालय की सख्ती तो जबलपुर लोकसभा सीट पर दिख ही रही है। साथ में कुछ आम लोग भी नियम-कानूनों की जद में रहकर लोकतंत्र के उत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। जबलपुर में एक अफसर ने अपने ऑफिस में एक मंत्री की फोटो टांग ली। फिर क्या था, हंगामा खड़ा हो गया। मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर जिले के इ-गवर्नेंस जिला प्रबंधक के कार्यालय में शहर के ही मंत्री की फोटो के मामले पर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया। एक जनहित याचिका में इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का हनन बताया गया था। चीफ जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला बाद में सुनाने का निर्देश दिया।
आचार संहिता का उल्लंघन
शहर से जुड़े रांझी उपनगरीय क्षेत्र में रहने वाले निवासी प्रवीण सिंह ने याचिका दायर कर कहा कि 27 मार्च 2019 को वे इ-गवर्नेंस के जिला प्रबंधक के कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय गए थे। वहां कैबिनेट मंत्री के साथ अफसर का चित्र लगा था।अधिवक्ता निशांत जैन ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसकी शिकायतं कलेक्टर से की गई। लेकिन, वहां से कोई कार्रवाई फिलहाल नहीं की गई। लिहाजा याचिका दायर की गई। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से याचिका को सारहीन बताया गया। कहा गया कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार किया जा रहा है। दोषी पाए जाने पर सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से आचार संहिता के उल्लंघन के लिए इ-गवर्नेंस प्रबंधक त्रिपाठी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की गई। दोनों पक्षों को सुनकर कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया।
महत्व समझना होगा
इस मामले में कोर्ट का फैसला चाहे जो हो, लेकिन एक आम नागरिक को अपने कानूनी अधिकारों का पता होना चाहिए। इससे वह लोकतंत्र के जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा पाता है। हालांकि, यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि अपने अधिकारों का गलत इस्तेमान नहीं किया जाए। इससे चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ता है। नियम-कानूनों पर भी सवाल खड़े होने लगते हैं।