जबलपुरPublished: Mar 26, 2019 11:14:44 pm
santosh singh
लोकायुक्त ने 40 हजार रिश्वत लेते उपयंत्री को दबोचा, स्कूल की बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य का मूल्यांकन करने के एवज में मांगी थी रिश्वत
इंजीनियर को रिश्वत लेते दबोचा
जबलपुर. लोकायुक्त ने मंगलवार दोपहर को बरखेड़ा गंगाई स्थित माध्यमिक शाला के सामने उपयंत्री को 40 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। उक्त रकम उपयंत्री ने सरपंच से ली थी। स्कूल की बाउंड्रीवाल निर्माण का मूल्यांकन करने के एवज में उपयंत्री ने पैसे मांगे थे। कई महीनों से सरपंच उपयंत्री के पास मूल्यांकन कराने के लिए चक्कर काट रहा था। लोकयुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करते हुए मौके पर ही उपयंत्री को जमानत दे दी।
दस लाख का काम कराया था
लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि दो दिन पहले बरखेड़ा गंगई ग्राम पंचायत के सरपंच नरेश राय ने मामले की शिकायत की थी। इसके बाद सरपंच और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जनपद पंचायत शहपुरा में पदस्थ उपयंत्री अनिल कुमार पटेल की बातचीत को ट्रैप कराया गया था। सरपंच द्वारा माध्यमिक शाला बरखेड़ा की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया था। बाउंड्रीवॉल का निर्माण दस लाख रुपए में कराया गया है। इसका मूल्यांकन का कार्य उपयंत्री को करना था। इसके बाद ही भुगतान होता। उपयंत्री ने मूल्यांकन के एवज में चार प्रतिशत कमीशन मांगा था।
कमीशन की राशि न मिलने पर दौड़ा रहा था उपयंत्री
सरपंच के मुताबिक कमीशन की राशि न मिलने पर उपयंत्री मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में आनाकानी कर रहा था। वह चार प्रतिशत से कम पर नहीं मान रहा था। जिसके चलते सरपंच लोकायुक्त में शिकायत करने पहुंचा था।
इस तरह उपयंत्री को दबोचा
एसपी ने मामले में उपयंत्री को रंगेहाथों दबोचने के लिए डीएसपी जेपी वर्मा, निरीक्षक कमल सिंह उईके, आरक्षक जुबेद खान, राकेश विश्वकर्मा, शरद पांडे व विजय विष्ट को भेजा। उपयंत्री को पैसे देने के लिए सरपंच ने माध्यमिक शाला बरखेड़ा में दोपहर डेढ़ बजे बुलाया था। सरपंच नरेश राय ने जैसे ही उपयंत्री के हाथों में 40 हजार रुपए के नोट रखे। वहां मौजूद टीम ने दबोच लिया। उपयंत्री पैसे फेंक कर भागने की कोशिश में था कि टीम ने पकड़ लिया।
लोगों की जमा हो गयी भीड़
रिश्वत की रकम के साथ उपयंत्री के दबोचे जाने की खबर मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। लोकयुक्त टीम ने स्कूल परिसर में अपनी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद उपयंत्री को मौके पर ही जमानत दे दी।