जबलपुर

Lord Ganesh Mantra in hindi ये हैं सिद्ध गणेश मंत्र, शकितयां ऐसी की भूलकर भी पास नहीं आएगी विपदा

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Published: November 22, 2017 10:20:54 am
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश के आवाहन के बिना कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य संबंध नहीं होते। सनातन और वैदिक पूजन की बात की जाए तो बिना श्रीगणेश के कोई भी काम का शुभारंभ नहीं होता। जबलपुर के ज्योतिषियों का मानना है कि भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वह मंगल फलदाई होते हैं। वे अनिष्टकारी शक्तियों को नाश कर भक्त के भंडार भर देते हैं। आइए उनके ऐसे ही मंत्रों और उनके अर्थ खुद जानते हैं जो सिद्धिदायक हैं।
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