परिवार मंदिर की देखरेख करता है
चौक मेें 45 वर्ष पूर्व शहर के व्यवसायी स्वर्गीय अशोक अग्रवाल ने भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कराई थी। तब से उनका ही परिवार मंदिर की देखरेख करता आ रहा है। इतने ही साल से मंदिर क्षेत्र में गणेशोत्सव पर मेला लगता है, जिसका स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है। दस दिन शहर ही नहीं आसपास से भी लोग भगवान के दर्शन करने और मेला का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं। वर्तमान में अग्रवाल परिवार के त्रिलोकीनाथ अग्रवाल मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
चौक मेें 45 वर्ष पूर्व शहर के व्यवसायी स्वर्गीय अशोक अग्रवाल ने भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कराई थी। तब से उनका ही परिवार मंदिर की देखरेख करता आ रहा है। इतने ही साल से मंदिर क्षेत्र में गणेशोत्सव पर मेला लगता है, जिसका स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है। दस दिन शहर ही नहीं आसपास से भी लोग भगवान के दर्शन करने और मेला का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं। वर्तमान में अग्रवाल परिवार के त्रिलोकीनाथ अग्रवाल मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
विशाल प्रतिमा होती है स्थापित
मंदिर में मूल स्वरूप में विराजित प्रतिमा के अलावा भी गणेशोत्सव में जबलपुर के मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई विशाल प्रतिमा की स्थापना कराई जाती है। यह विराजित होने वाली प्रतिमा शहर में अनंत चतुर्दशी को निकलने वाली शोभायात्रा की अगुवाई करती है। गणेश चौक से ही जुलूस शुरू होता है, जो मुख्य मार्ग से होता हुआ कटनी नदी के घाटों में विसर्जन को पहुंचता है।
रंगीन रोशनी से नहाएंगे पूरे मार्ग
पर्व की शुरुआत के साथ ही चौक के अलावा उससे जुडऩे वाले सभी मार्ग भी दस दिन तक रंगीन रोशनी से नहा रहेंगे। मेला स्थल में खानपान के साथ सामग्री की दुकानें व मनोरंजन के साधन उपलब्ध रहेंगे।