एएसपी डॉ. संजीव उईके और डॉ. बरखा ठाकुर की लव स्टोरी
जबलपुर•Feb 14, 2020 / 11:56 am•
santosh singh
sanjiv
जबलपुर. आयुर्वेद की साथ-साथ पढ़ाई करते हुए हमारी दोस्ती कब प्यार में तब्दील हो गई पता ही नहीं चला। हम दोनों एक-दूसरे को पसंद तो करते थे, लेकिन इजहार करने से डरते थे। आखिर दो वर्ष बाद मैंने दिल की आवाज सुनी। यह कहानी है शहर के एएसपी डॉ. संजीव उईके और उनकी पत्नी डॉ. बरखा ठाकुर की। शादी से पहले डॉ. बरखा प्रेरणा से डॉ. उईके पहले ही प्रयास में एमपी पीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी बन गए।
पत्नी की प्रेरणा से पहले ही प्रयास में बन गए डीएसपी
मंडला निवासी डॉ. संजीव उईके पं. खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय संस्थान भोपाल से बीएएमएस की पढ़ाई करने 1997 में पहुंचे तो वहां उनकी दोस्ती सहपाठी सागर की बरखा ठाकुर से हुई। 1999 में एक-दूजे से प्यार का इजहार कर पाए। पत्नी ने मुझे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने को प्रेरित किया। 2006 में रिजल्ट आया तो पहले ही प्रयास में मैं डीएसपी में चयनित हो गया।
शादी के लिए सिर्फ 12 घंटे की मिली थी छुट्टी
ससुराल वालों को मनाने में एक वर्ष लग गए। 21 नवम्बर 2007 को उज्जैन में शादी थी। इंदौर में मेरी वैपन ट्रैक्ट्सि ट्रेनिंग चल रही थी कि भारत-पाक क्रिकेट मैच के चलते ग्वालियर में ड्यूटी लग गई तो ट्रेनिंग 10 दिन और बढ़ गई। शादी के लिए महज 12 घंटे का अवकाश मिला।
और झूठी हो गई भविष्यवाणी
एएसपी डॉ. उइके बताते हैं कि 2004 में उज्जैन में एक पंडितजी ने हमारी कुंडली देखी और बताया कि सिर्फ दो गुण मिल रहे हैं। ये शादी चार दिन नहीं टिक पाएगी। आज 13 वर्षों से हम साथ-साथ हैं। हमारी 10 वर्ष की बेटी हिया और आठ वर्ष का बेटा अर्जुन है।