एलपीआर में पहला मौका जब इतनी बड़ी गन का परीक्षण होगा। 130 एमएम गन को शारंग गन के रूप में नया रूप देने वाली गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) प्रबंधन और एलपीआर प्रशासन के बीच इस विषय में चर्चा हो चुकी है। एक टीम भी एलपीआर पहुंचकर फायरिंग की रिपोर्ट तैयार कर रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए रेंज की सीमा में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाएगा। मौजूदा स्थिति में जीसीएफ में बनी बड़ी कैलीबर की तोप को इटारसी, बालासोर और पोकरण भेजा जाता है। इसमें लाखों रुपए परिवहन और सुरक्षा पर खर्च होते हैं। समय का भी अपव्यय होता है।
300 गन का मॉडिफिकेशन
27 से 35 किमी की दूरी तक निशाना साधने वाली शारंग तोप को कानपुर आयुध निर्माणी और गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने मिलकर तैयार किया है। यह रूस की सोल्टम गन की जगह लेगी। सेना के पास 300 से अधिक गन हैं। अब इन्हें मॉडिफाइड किया जा रहा है। इसमें अब 130 एमएम की जगह 155 एमएम कर बैरल लगाया गया है। इससे न केवल मारक क्षमता बढी है बल्कि पहले से सटीक निशाना लगाने में गन सक्षम हो गई है। इसका बैरल और कुछ दूसरे कलपुर्जे कानपुर आयुध निर्माणी से मंगाए गए हैं तो कुछ जीसीएफ में तैयार किए गए हैं।
इटारसी और पोखरण में परीक्षण
सेना को गन सौंपने के पहले जीसीएफ से इसे परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। सेना इसका परीक्षण करेगी। पहले इसकी टेस्टिंग की तैयारी इटारसी स्थित ताकू रेंज में की जा रही थी। लेकिन अभी एलपीआर भी इसके लिए तैयार हो रहा है। जीसीएफ में दो गन तैयार की जा चुकी है। इन्हें एलपीआर ले जाने की योजना भी फाइनल हो चुकी है।
अभी इन गन की टेस्टिंग
एलपीआर में अभी 105 एमएम लाइट फील्ड गन, एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन, 30 एमएम, 84 एमएम आदि की टेस्टिंग होती है।
संभावनाएं तलाशने पहुंची टीम
अभी इस पैमाने की बैरल की टेस्टिंग इटारसी या बालासोर में होती है। लेकिन डीजीक्यूए प्रबंधन ने अपने उच्च विभाग को पत्र लिखकर यहां पर 155 एमएम की टेस्टिंग के लिए पत्र लिखा था। क्योंकि जीसीएफ में अभी धनुष तोप और शारंग तोप दोनों में 155 एमएम की बैरल लगी है। इनकी टेस्टिंग के लिए गन को इटारसी या बालासोर ले जाना पड़ता है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसकी अनुमति एलपीआर प्रबंधन को मिल जाएगी। ज्ञात हो कि एलपीआर की रेंज 14 किमी है ।
एलपीआर का उपयोग बड़ी कैलीबर की गन की टेस्टिंग के लिए किया जा सके इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। रेंज जगह इस काम के लिए कारगर भी है। इस काम की मंजूरी के लिए हेडक्वार्टर को पत्र भेजा गया है।
ब्रिगेडियर निश्चय राउत, कमांडेंट एलपीआर खमरिया