सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
वेटरनरी यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में विशेषज्ञ पशुधन विकास पर अपने अनुभव के आधार पर सुझाव रखेंगे। देश-दुनिया में शोध कार्य के परिणामों पर चर्चा होगी। समस्त विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण सुझाव और अनुभव को संकलित करके एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे विजन डॉक्यूमेंट नाम दिया जाएगा। इसके आधार पर प्रदेश में पशुधन के लिए कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
पहली बार ऐसा आयोजन
छह जनवरी को देश भर से विषय विशेषज्ञ वेटरनरी विश्वविद्यालय में एकत्रित होंगे। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में जाने-माने वैज्ञानिक, फामर्र फस्र्ट परियोजना के अंगीकृत ग्रामों के चयनित गौपालक, विवि के निर्देशकों के अलावा प्राध्यापक भी शामिल होंगे। इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है।
वीयू के लिए होगी मील का पत्थर
कुलपति डॉ. पीडी जुयाल ने बताया कि यह राष्ट्रीय कार्यशाला प्रदेश में पशुधन विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। हर विभाग के अधिकारी मौजूद होंगे। विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।
30 विशेषज्ञों के पहुंचने की संभावना
कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुनील नायक ने बताया कि आयोजन में विभिन्न प्रांतों से 30 विशेषज्ञ पहुंचेंगे। डॉ. वीके तनेजा पूर्व कुलपति व पूर्व महानिदेशक पशु विज्ञान नईदिल्ली, डॉ. अरुणा गुप्ता आईएएस राज्य दुग्ध सहकारी फेडरेशन, केआर राव सीजीएम नाबार्ड, डॉ. एके श्रीवास्तव अध्यक्ष कृषि वैज्ञानिक भर्ती मंडल, डॉ. पीएस ब्रिथल भारतीय कृषि अनुसंधान परियोजना नईदिल्ली, डॉ. एके महवाना डेयरी बिजनिस मैनेजमेंट गुजरात, डॉ. एके सिंह राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल आदि शामिल होंगे।
ठंडे बस्ते में पुरानी योजनाएं
प्रदेश के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने वाले विश्वविद्यालय की स्वयं कई महात्वाकांक्षी योजनाएं ठंडे बस्ते में है। बेहतर भविष्य का सपना दिखाकर तैयार किए गए ये पुराने डॉक्यमेंट अब धूल खा रहे है। योजनाएं तैयार करने के बाद उसके क्रियान्वयन में ढिलाई का ही नजीर है कि प्रदेश के एकमात्र पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के वर्षों बाद भी उसके परिसर का विकास नहीं हो पाया है।