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लम्हेटाघाट, पायली और कुंडम की योजना से बदलेगी तस्वीर
11 अरब की योजनाओं से दूर होगा जलसंकट
फिलहाल शहर में रमनगरा, ललपुर, खंदारी व परियट जलाशय से जलापूर्ति होती है, लेकिन जिले के कई इलाके आज भी भीषण जल संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है जलापूर्ति के नए प्रोजेक्ट पूरे होने पर जिले में जल संकट की समस्या खत्म हो जाएगी। प्रोजेक्ट पूरे होने पर इस क्षेत्र का 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा का रकबा सिंचित हो जाएगा। अभी तक क्षेत्र के किसान खेती के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर हैं। पर्याप्त बारिश न होने पर वे साल में ठीक ढंग से एक फ सल की उपज भी नहीं ले पाते।
मजदूरी पर निर्भर हैं लोग
आदिवासी बाहुल्य वाले पथरीले इलाके में सिंचाई की व्यवस्था न होने के कारण खेती नहीं होती। उद्योग भी नहीं लगे। अभी तक क्षेत्र की ज्यादातर आबादी मजदूरी पर निर्भर है। जल स्तर जिले के बाकी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा गहराई में पहुंच चुका है। कई गांवों में जल स्तर 500 फीट से लेकर 700 फीट तक पहुंच चुका है। गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही ज्यादातर कुं आ, नलकूप सूख जाते हैं। एक-एक जलस्रोत पर सौ-सौ लोग तक निर्भर हैं।