पर्व: माघी पूर्णिमा पर ग्वारीघाट और तिलवारा घाट में उमड़े श्रद्धालु
जबलपुर
Published: February 17, 2022 07:33:55 pm
जबलपुर। माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को लोगों ने पवित्र नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। ग्वारीघाट में भक्तों ने भोर से पहले ही शुभ मुहूर्त में स्नान किया और पूजा पाठ की। सूरज निकलने से पहले ही नर्मदा तट पर भक्तों की भीड़ जुट गई थी। लोगों ने विधि विधान से स्नान, ध्यान-अर्चन किया। इस मौके पर लोगों ने जरूरतमंद परिवारों को दान दिया। माघी पूर्णिमा पर भक्तों की भीड़ के चलते ग्वारीघाट रोड पर पूरे दिन वाहनों और लोगों की रेलमपेल थी।
माघ पूर्णिमा को पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन अधिकांश लोग सुबह सूर्योदय के पूर्व नदी, नालों में स्नान कर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं। माघ पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा के ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, लम्हेटाघाट, जिलहरीघाट सहित अन्य घाटों में हजारों लोग सुबह से स्नान करने पहुंचे।
महिला एवं पुरुषों के अलावा बच्चे भी शामिल हुए। नर्मदा में डुबकी लगाने श्रद्धालु सुबह ही घर से निकल गए। मंदिरों में भी पूजा-अर्चना करने श्रद्धालुओं का तांता लग गया।
भीड़ को किया नियंत्रित- लक्ष्मीजी व लक्ष्मीनारायण के मंदिरों में विशेष भीड़ देखी गई। नर्मदा के घाटों में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। एक दिन पूर्व ही घाटों की दुकानों के पास पुलिस ने व्यवस्था बनानी शुरू कर दी थी। ग्वारीघाट व तिलवाराघाट में इस खासतौर से पुलिस व होमगार्ड के जवान तैनात थे। चौक-चौराहों पर तैनात जवानों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले ही दोपहिया वाहन चालकों को रोक दिया था।
हरे कृष्ण आश्रम से निकली पंचकोसी परिक्रमा
हरे कृष्ण आश्रम भेड़ाघाट से माघ मास की पूर्णिमा के पावन अवसर पर 355वीं मां नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा निकाली गई। आश्रम के संस्थापक स्वामी रामचंद्र दास महाराज ने माघ मास कल्प वास की महिमा को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह पुण्य मास है। भगवान राधे कृष्ण को छप्पन भोग अर्पित किए गए।
परिक्रमा के संचालक हनुमानजी महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति में मनमोहन दुबे, शरद अग्रवाल के सान्निध्य में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु मां नर्मदे का गुणगान संकीर्तन करते हुए नर्मदा परिक्रमा में शामिल हुए। यह परिक्रमा वर्ष 1996 से लगातार निकाली जा रही है। आश्रम में लगातार सातवें वर्ष माघ मास कल्पवास का नि:शुल्क आयोजन किया गया। प्रतिदिन हवन एवं पूजन सम्पन्न किया गया। नर्मदा महाआरती के संस्थापक एवं आश्रम व्यवस्थापक डॉक्टर सुधीर अग्रवाल, डॉक्टर शिव शंकर पटेल, संकीर्तन आचार्य पंडित मनमोहन दुबे, श्याम मनोहर पटेल, पप्पू चौबे, रामसेवक पटेल, सुरेश विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।
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