लॉजिस्टिक सेंटर
देश के केंद्र में होने के कारण जबलपुर में लॉजिस्टिक पार्क की उपयोगिता पहले से रही है। मैग्नीफिसेंट एमपी में प्रदेश में 45 जगह लॉजिस्टिक सेंटर की बात कही गई। इसमें जबलपुर भी शामिल हो सकता है। पहले भी लॉजिस्टिक पार्क की मांग उठाई जाती रही है। क्योंकि, इसकी स्थापना न केवल बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी बल्कि रोजगार का भी बड़ा माध्यम बन सकता है। मध्य में होने के कारण सामान का परिवहन भी अपेक्षाकृत सस्ता पडेग़ा।
देश के केंद्र में होने के कारण जबलपुर में लॉजिस्टिक पार्क की उपयोगिता पहले से रही है। मैग्नीफिसेंट एमपी में प्रदेश में 45 जगह लॉजिस्टिक सेंटर की बात कही गई। इसमें जबलपुर भी शामिल हो सकता है। पहले भी लॉजिस्टिक पार्क की मांग उठाई जाती रही है। क्योंकि, इसकी स्थापना न केवल बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी बल्कि रोजगार का भी बड़ा माध्यम बन सकता है। मध्य में होने के कारण सामान का परिवहन भी अपेक्षाकृत सस्ता पडेग़ा।
आईटी पार्क
शासन ने आईटी पार्क में नाममात्र के शुल्क पर भूमि उपलब्ध करवाने की बात कही है। जबलपुर में बरगी हिल्स आईटी पार्क है। 60 एकड़ क्षेत्रफल में फैले आईटी पार्क में 50 से ज्यादा निवेशकों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। करीब 20 एकड़ जमीन पर विकास बची है। वर्तमान में पेटीएम, आइडिया और दूसरी बड़ी कंपनियां यहां काम कर रही हैं। ऐसे में यहां पर मेग्नीफिसेंट एमपी के माध्यम से निवेश करने वाली कंपनियां कारोबार को बढ़ा सकती हैं।
शासन ने आईटी पार्क में नाममात्र के शुल्क पर भूमि उपलब्ध करवाने की बात कही है। जबलपुर में बरगी हिल्स आईटी पार्क है। 60 एकड़ क्षेत्रफल में फैले आईटी पार्क में 50 से ज्यादा निवेशकों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। करीब 20 एकड़ जमीन पर विकास बची है। वर्तमान में पेटीएम, आइडिया और दूसरी बड़ी कंपनियां यहां काम कर रही हैं। ऐसे में यहां पर मेग्नीफिसेंट एमपी के माध्यम से निवेश करने वाली कंपनियां कारोबार को बढ़ा सकती हैं।
खाद्य प्रसंस्करण
जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां उच्च किस्म की धान, गेहूं, मटर, सिंघाड़ा के अलावा सब्जियों की पैदावार भी होती है। प्रसंस्करण होने से उपज का अच्छा किसानों को मिल सकता है। अभी मटर का वृहद उद्योग जिले में संचालित होता है। इसी तरह राइस और पोहा मिल के अलावा दूसरे कारखाने हैं।
जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां उच्च किस्म की धान, गेहूं, मटर, सिंघाड़ा के अलावा सब्जियों की पैदावार भी होती है। प्रसंस्करण होने से उपज का अच्छा किसानों को मिल सकता है। अभी मटर का वृहद उद्योग जिले में संचालित होता है। इसी तरह राइस और पोहा मिल के अलावा दूसरे कारखाने हैं।
पर्यटन
जबलपुर एक बड़ा टूरिस्ट सर्किट है। पचमढ़ी, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और खजुराहो इसमें समाहित है। इस क्षेत्र में काफी संभानाएं हैं। क्योंकि इनमें से लगभग सभी विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। इन्हें बढ़ावा देने के लिए यहां पर बड़े होटल इंडस्ट्री पनप सकती है। यही नहीं रेल एवं हवाई सेवाओं का विस्तार भी हो सकता है।
जबलपुर एक बड़ा टूरिस्ट सर्किट है। पचमढ़ी, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और खजुराहो इसमें समाहित है। इस क्षेत्र में काफी संभानाएं हैं। क्योंकि इनमें से लगभग सभी विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। इन्हें बढ़ावा देने के लिए यहां पर बड़े होटल इंडस्ट्री पनप सकती है। यही नहीं रेल एवं हवाई सेवाओं का विस्तार भी हो सकता है।
महाकोशल क्षेत्र की ऊर्जा, पर्यटन, खनिज, वन और कृषि उत्पाद हैं। प्रदेश सरकार ने मेग्नीफिसेंट एमपी में इन्हें प्रमोट किया है। आशा कर रहे हैं कि इन क्षेत्रों का निवेश यहां आ सकता है।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
उम्मीद की जा रही थी कि जबलपुर में बड़ा निवेश होगा। शिक्षा, लॉजिस्टिक एवं पर्यटन के अलावा खाद्व प्रसंस्करण में यहां बेहद संभावनाएं हैं। वर्ष 2008 और 2019 की इन्वेस्टर्स समिट में जबलपुर बड़े निवेश से वंचित रहा है।
हिमांशु खरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जबलपुर चेेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
हिमांशु खरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जबलपुर चेेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री