देर रात हो रहे इस परिवर्तन के कारण मकर संक्रांति का पुण्यकाल एवं पर्वकाल 15 जनवरी को होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग है। मंगलवार को पूरे दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। सुबह 7.31 बजे से दोपहर 1.55 बजे तक अमृत बेला होगी। इसके साथ ही एक महीने से चल रहा खरमास समाप्त हो जाएगा। शुभ कार्यों पर ब्रेक हट जाएगा। शहनाइयों की गंूज शुरू हो जाएगी। इस वर्ष का पहला श्रेष्ठ विवाह मुहूर्त 17 जनवरी को होगा।
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ग्रहदशा बदलने से प्रभाव: 15 जनवरी को रहेगा पर्वकाल
सूर्य होंगे उत्तरायण, शुरू हो सकेंगे मांगलिक कार्य
14 को देर रात धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव
सिंह पर सवार संक्रांति
ज्योतिर्विद जर्नादन शुक्ला के अनुसार इस वर्ष सिंह पर सवार होकर मकर संक्रांति आ रही है। उप वाहन हाथी और वस्त्र श्वेत हैं। अस्त्र भुसुंड, पात्र स्वर्ण एवं जाति देव होगी। इन ग्रहयोग के कारण मकर संक्रांति विशेष फलदायी है। इस दिन स्नान के बाद दान का महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भीष्म पितामह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
इस वर्ष आठ महीने में रहेंगे मांगलिक कार्यों के लिए 68 मुहूर्त
सूर्य के 16 दिसंबर 2018 को धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मांगलिक कार्य थम गए थे। पिछले वर्ष मांगलिक कार्यों के मुहूर्त भी कम थे, लेकिन इस वर्ष शुभ मुहूर्त की संख्या अधिक है। ज्योतिर्विद जर्नादन शुक्ला के अनुसार कुछ पंचांग में सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही विवाह मुहूर्त की गणना की है, लेकिन श्रेष्ठ मुहूर्त 17 जनवरी से शुरू हो रहे हैं। मांगलिक कार्यों के आठ महीने में 68 मुहुर्त हैं। जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई जून, जुलाई और नवंबर में तिथियां हंै।