scriptMakar Sankranti 2020 : जानें इस साल कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, शुभ मुहुर्त व पूजा विधि | makar sankranti 2020 exact time date and pooja vidhi subh muhurat | Patrika News
जबलपुर

Makar Sankranti 2020 : जानें इस साल कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, शुभ मुहुर्त व पूजा विधि

Makar Sankranti 2020 : जानें इस साल कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, शुभ मुहुर्त व पूजा विधि

जबलपुरJan 12, 2020 / 06:52 pm

abhishek dixit

जबलपुर. ज्योतिषविद जनार्दन शुक्ला के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। शाम को 7.53 बजे सूर्य अपने पुत्र शनि की मकर राशि में प्रवेश करेंगे। राशि परिवर्तन सूर्यास्त के बाद होने के कारण मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। संक्रांति का पुण्यकाल पूर्वा फाल्गुन नक्षत्र पर 15 जनवरी को होगा। इस दिन सुबह 8.44 से शाम 4.27 बजे के बीच का समय संक्रांति का विशेष पुण्यकाल होगा।

गर्दभ पर सवार हो आएंगी संक्रांति
ज्योतिषविदों के अनुसार इस बार गर्दभ पर सवार होकर संक्रांति आ रही हैं। पांडुर रंग के वस्त्र धारण करके कांसा के पात्र(बर्तन) में पुआ (मिठाई) खाते हुए पूर्व दिशा से संक्रांति का प्रवेश होगा। पश्चिम दिशा की ओर गमन होगा। संक्रांति का उपवाहन मेष है। माथे पर चंदन का लेप होगा। प्रवेश और गमन की दिशा शहर के लिए शुभ है। मध्य में शहर की स्थिति होने के कारण विकास की प्रबल सम्भावना होगी। पूर्व दिशा से आने के कारण पूर्व सहित दक्षिण और उत्तर दिशा के लिए संक्रांति शुभकारी है। दक्षिण के भागों में अनाज सस्ता होगा। कृषकों के लिए वर्ष अच्छा होगा।

राशि और संक्रमण
मकर संक्रांति के दिन सूर्य का राशि परिवर्तन होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य के एक राशि से दूसरे में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं। इसमें मकर शब्द मकर राशि का प्रतीक है और संक्रांति का अर्थ संक्रमण करना है। सूर्य के धुन से मकर राशि में प्रवेश करने के कारण ही इस काल को मकर संक्रांति कहा जाता है। मान्यता है कि संक्रांति के दिन सूर्योदय के पूर्व पवित्र नदी में स्नान से पुण्य का संचय होता है। सूर्य और शनि की विशेष दशा के कारण संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। तिल एवं गुड़, खिचड़ी और शीतवस्त्र दान की परम्परा है।

उत्तरायण होंगे सूर्य
मकर संक्रांति के दिन से सूर्य छह माह के लिए उत्तरायण हो जाएंगे। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होगा। हेमंत ऋतु से शिशिर ऋतु का आरंभ होगा। उत्तरायण होने के साथ ही सूर्य का तेज बढ़ जाएगा। सूर्य की किरणों की ऊष्मा बढऩे से मौसम में बदलाव होगा। मान्यता है कि मकर संक्रांति के बाद शीत का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।

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