तीन टन से ज्यादा वजन और 38 किमी की दूरी तक निशाना साधने वाली इस तोप के लिए शक्तिशाली इंजन की जरूरत होती है। वर्तमान में करीब 50 हार्सपावर का इंजन लगाया गया है। लेकिन, देश में एक अमेरिकन कंपनी ने 60 हार्सपावर का इंजन तैयार किया है। इसे एक तोप में लगाकर परीक्षण किया जा रहा है। अब सेना इसे अपने मापदंडों पर खरा देखना चाहती है। इसलिए उस इंजन वाली तोप का परीक्षण किया जाएगा।
यह होगा फायदा
जीसीएफ में तैयार देश की सबसे शक्तिशाली 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप में ज्यादा क्षमता वाला इंजन लगने से इसके संचालन की गति बढ़ जाएगी। इसका बैरल घुमाना आसान होगा। नया इंजन है, इसलिए इसमें भारत स्टैंडर्ड के मानकों का भी ध्यान रखा गया है, जो पर्यावरण के लिहाज से बेहतर होता। अभी इसमें बोफोर्स का इंजन लगा है। मौजूदा समय में करीब 80 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी लगे हैं। इंजन भी बदलता है, तो यह प्रतिशत 90 हो जाएगा।
धनुष तोप में देश में बने इंजन को लगाकर ट्रायल किया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी भी हो चुकी है, केवल रिपोर्ट आनी है। इसके बाद सेना भी नए इंजन लगे तोप का ट्रायल करेगी।
प्रशांत प्रसन्ना, जनसम्पर्क अधिकारी, जीसीएफ