नक्षत्र- तीक्ष्णदारूक संंज्ञक नक्षत्र ज्येष्ठा शाम 5.46 तक उपरंात मूल नक्षत्र रहेगा। ज्येष्ठा नक्षत्र में सामान्यत: पौधरोपण, व्यापारारंभ, कृषि तथा अनाज भंडारण, चित्रकारी तथा सेवारंभ जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जााते हैं। मूल नक्षत्र में जन्मे जातकों की मूल शंाति करवाना जातक के जीवन में शुभता प्रदान करता है।
शुभ मुहूर्त -आज नामकरण, औषधि सेवन, औषधि निर्माण, कर्जनिपटारा, शिल्प विद्या, गायन वादन जैसे कार्य हेतु दिवस शुभ सुखद तथा मंगलकारी तथा अनुकूल रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए -आज प्रात: 7.30 से 10.30 लाभ तथा अमृत दोपहर 12.00 से 1.30 शुभ तथा रात्रि 9.00 से 10.30 लाभ की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव- आज : नवरात्र महोत्सव में आज कात्यायनी देवी का दर्शन, भगवती देवी का पाठ करना परम कल्याणकारी रहेगा।
चन्द्रमा : शाम 5.46 तक वृश्चिक राशि में उपरंात धनु राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के कन्या राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं, सूर्य का हस्त नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल पश्चिम दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास उत्तर दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 10.30.00 बजे से 12.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्मे बालकों का नामाक्षर नो,या,यू अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि वृश्चिक होगी। राशि स्वामी मंगल तथा ताम्रपाद पाया में जन्म माना जाएगा। वृश्चिक राशि के जातक प्राय: सुंदर, मननशील, गम्भीर, आध्यात्मिक, प्रकृतिप्रेमी, दार्शनिक, आडंबर विरोधी, धैर्यवान तथा अनुशासन प्रिय होते हैं। जीवन के उत्तरार्ध अवस्था में आर्थिक विकास होता है।