जबलपुरPublished: Jun 03, 2019 12:54:51 am
Sanjay Umrey
दयोदय तीर्थ में आचार्यश्री विद्यासागर के मंगल प्रवचन
aachary vidhyasagar
जबलपुर। सुमन का अर्थ होता है पुष्प, जो हम प्रभु के चरणों में अर्पित करते हैं। यदि हम अपने आपको प्रभु के चरणों में समर्पित कर दें तो जीवन धन्य हो जाए। उक्त उद्गार आचार्यश्री विद्यासागर ने रविवार को दयोदय तीर्थ में मंगल प्रवचन में व्यक्त किए।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्यश्री ने मन को सुमन बनाने की प्रेरणा दी। आचार्यश्री ने कहा कि हमारा मन बड़ा चंचल है, यदि उसे प्रभु में लगा दिया जाए तो उत्थान सम्भव है। मन और सुमन शब्द बड़े महत्वपूर्ण हैं। बुरी आदतों से मुक्त मन ही सुमन होता है। जो मन को सुमन बनाता है, वही विजित होता है। आदर्श को स्मरण करना बड़ी बात है। हम अपने गुरुवर को स्मरण करते हैं। गुरु और प्रभु के चरणों में चढऩे से अधिक अच्छा कोई काम नहीं है। तीर्थंकरों ने अहिंसा और जीव दया का पाठ पढ़ाया है। धर्म के मार्ग पर चलकर ही उत्थान और कल्याण सम्भव है। धर्म से दूर होने वाला मनुष्य दिशाहीन हो जाता है, दिशाहीन मनुष्य किसी भी मार्ग पर चले, लेकिन उसे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती है।
आचार्यश्री को समर्पित की पीएचडी
नई दिल्ली निवासी राज जैन ने रविवार को आचार्य विद्यासागर के साहित्य अवदान पर की गई अपनी पीएचडी को आचार्य श्री को समर्पित किया। इस मौके पर झांसी विश्वविद्यालय से नरेंद्र जैन के ग्रंथ संस्कृत साहित्य में जैन साहित्य का योगदान पर प्रस्तुत की गई। साहित्य रचना एवं सागर विश्वविद्यालय से निधि जैन, मूक माटी के शैलीपरक अनुशीलन पर डॉक्टर मीना जैन भोपाल एवं हिंदी महाकाव्य की परंपरा में मूक माटी का अनुशीलन विषय पर डॉ. अमिता मोदी जैन, विषय वस्तु से संबंधित आधुनिक हिंदी महाकाव्य पर सामाजिक चेतना विषय पर डॉ. सुशीला जैन की इंदौर विश्वविद्यालय से की गई पीएचडी को आचार्य श्री को समर्पित किया गया । आचार्य श्री के गं्रथ मूक माटी पर अभी तक 200 से ज्यादा शोध किए जा चुके हैं। भारत एवं अन्य देशों के विश्वविद्यालयों में शोध किए जा रहे हैं।
विशेष प्रवचन आज
पूर्णायू आयुर्वेद कौशलम कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को आचार्य ज्ञानसागर महाराज के समाधि दिवस पर दयोदय गौशाला में दोपहर 3 बजे आचार्य श्री के विशेष प्रवचन होंगे। मंगलवार सुबह 6 बजे से योग शिविर में स्वस्थ व्यक्ति की योग्यता एवं पंच इंद्रिय क्रियात्मक क्षमता बढ़ाने हेतु अवनीश तिवारी के द्वारा योग क्रियाएं बताई जाएंगी।