scriptझुंझुनूं : पांच सौ व हजार के नोट ने बिगाड़ा शादियों का बजट, 11 को है बड़ा सावा | rush to get rid of Rs 500, Rs 1,000 notes in jhunjhunu | Patrika News

झुंझुनूं : पांच सौ व हजार के नोट ने बिगाड़ा शादियों का बजट, 11 को है बड़ा सावा

locationझुंझुनूPublished: Nov 09, 2016 04:01:00 pm

Submitted by:

vishwanath saini

ई-मित्र संचालक बिजली-पानी के बिलों केा जमा करना भी बंद कर दिया है। यहां तक की दवाइयों की दुकानों वालों ने भी रोगियों पांच सौ या एक हजार रुपए के नोट के बदले दवा देना बंद कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को पांच सौ व एक हजार रुपए के नोट बंद करने के फरमान के बाद अंचल में हड़कंप मचा हुआ है। बुधवार को अंचल में स्थिति विचित्र हो गई है।
बुधवार को बैंक और एटीएम बंद होने से लोगों के सामने संकट खड़ा गया है। रेस्टोरेंटों, होटलों, कपड़े के प्रतिष्ष्ठानों, किराणा व्यवसायी सभी ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को लेना बंद कर दिया है।
कई जगह आनकानी करते नजर आए। व्यापारी एक ही शर्त पर सामान दे रहे हैं कि पूरे पांच सौया एक हजार रुपए का सामान लोअन्यथा सौ, दो सौ, तीन सौ और चार सौका सामान नहीं मिलेगा। इसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं।
पेट्रोल पंपों पर पांच सौया एक हजार रुपए के अलावा गाडिय़ों में पेट्रोल व डीजल नहीं डाला जा रहा है। जिसके चलते पेट्रोल पंपों पर सुबह से लंबी वाहनों की लंबी कतारें नजर आई।
इसके अलावा ई-मित्र संचालक बिजली-पानी के बिलों केा जमा करना भी बंद कर दिया है। यहां तक की दवाइयों की दुकानों वालों ने भी रोगियों पांच सौ या एक हजार रुपए के नोट के बदले दवा देना बंद कर दिया है।

विवाह वाले परिवारों की बढ़ी मुश्किल

पांच सौ एवं एक हजार के नोट बंद होने के कारण उन लोगों की समस्या अधिक बढ़ गई है, जिनके शुक्रवार को देवउठनी एकादशी की शादी है। देवउठनी एकादशी को आयोजित विवाह समारोह के लिए आवश्यक सामान की खरीददारी करने के लिए कठिन परेशानियों से रूबरू होना पड़ा।
हालत यह रही कि प्रधानमंत्री मोदी की नोट बंद करने की घोषणा ने विवाह वाले परिवारों के लिए छद्म आपातकाल के हालत पैदा कर दिए है। पांच सौ एवं एक हजार के नोट बंद होने की घोषणा के बाद स्थानीय बाजार में सामान खरीदने आए विनोद कुमार, सुरेन्द्र सिंह, लालचंद, रमेश कुमार का कहना है कि दुकानदार पांच सौ के नोट लेने से इंकार कर रहा है।

पांच के नोटों के अलावा उसके पास पैसे नहीं है। ऐसे में विवाह का आवश्यक सामान कैसे खरीदा जाए समझ में नहीं आ रहा है। बुहाना के सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि सब्जी खरीदते समय भी दुकानदार पांच सौ का नोट नहीं ले रहा है। विवाह के अलावा आमजन दैनिक उपयोगी सामान खरीदने के लिए भी पांच सौ का नोट देता है तो दुकानदार उसे लेने से मना करता दिखाई पड़ा। शुक्रवार से विवाह शादियों का दौर शुरू होगा।
ऐसे में पैसे खर्च की अधिक जरूरत होती है। ऐसे में गुरुवार से बैकों में भी पैसे लेने वालों की भीड़ उमडऩे की आशंका व्यक्त की जा रही है। बाजार में कई सामान खरीदने वाले व्यक्ति पांच एवं हजार का नोट नहीं लेने पर आपस में उलझते भी देखे गए।
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