शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि अपने चहेतों को उपकृत किए जाने की मंशा को लेकर स्टोर विभाग के कुछ कथित कर्मचारियों द्वारा किया गया है। इस मामले की शिकायत विवि प्रशासन को लॉ स्टूडेंट यूनियन की और से सौंपी गई है। ई-निविदा में हेरफेर करने की शिकात लवदीप सिंह, विशाल भगत ने करते हुए कहा कि विवि में परीक्षा वाहन किराये पर लेने के लिए निविदा निकाली गई। ई-टेंडर के जरिए आवेदन बुलाए गए। 14 अक्टूबर को निविदा जारी हुई। शर्तो के अनुसार टैक्सी सेवा के लिए आरटीओ में पंजीयन आवश्यक है। किंतु निविदा में इस दस्तावेज की जांच नहीं की गई।
तय तारीख में निविदा नहीं, अफसरों पर हो कार्रवाई
विज्ञापन में तकनीकी निविदा खोलने की तारीख 4 नवंबर 2019 तथा फाइनेंशियल बिड खोलने की तारीख 6 नवंबर 2019 प्रकाशित की गई थी। फिर भी तय तारीख में निविदा नहीं खोली गई। इसकी सूचना भी किसी निविदाकार को नहीं दी गई। 17 जनवरी 2020 को अचानक बिना पूर्व सूचना के निविदा खोली गई। कुलपति को शिकायत करते हुए भंडार विभाग की प्रभारी मीनल गुप्ता, लिपिक ओमप्रकाश यादव, टेंडर समिति के अध्यक्ष प्रो. आरपी मिश्रा, वित्त नियंत्रक एकेमहोबिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
छुट्टी पर अधिकारी के कर दिए हस्ताक्षर
आरोप लगाए हैं कि ई-टेंडरिंग पोर्टल में विशाल बन्ने के डिजिटल हस्ताक्षर से निविदा खोला जाना प्रदर्शित किया गया है जबकि बन्ने वर्तमान में अधिकारिक छुट्टी पर है। वे भंडार विभाग के प्रभार से मुक्त हो चुके है। विवि के आईपी एड्रेस की मदद से उनके फर्जी डिजिटल साइन कैसे किए गए इसकी जांच की जाए।
-टेण्डर प्रक्रिया को लेकर लिफाफे आए थे। लिफाफों को खोला गया है। नियम एवं शर्तो को प्रशासनिक अधिकारियों को देखना चाहिए।
-प्रो.आरपी मिश्रा, अध्यक्ष समिति
-इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन को शिकायत की गई है। शिकायत की जांच कराई जा रही है। संबंधितो से इस संबंध में जानकारी ली जाएगी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
-प्रो.कपिलदेव मिश्र, कुलपति रादुविवि