मानेगांव से महगवां की दूरी 15 किलोमीटर है। आवागमन के लिए सीओडी परिसर से होकर जाना पड़ता है, दूसरा कोई मार्ग नहीं है। यह मार्ग सीओडी बंद कर सकता है। ऐसे में महगवां को मानेगांव वार्ड में न जोड़ा जाए। गधेरी, महगवां, पचपेढ़ी व सिविल लाइन के हिस्से को मिलाकर नया वार्ड बनाया जाए, पूर्व पार्षद सोना वर्मा ने ये सुझाव दिया है।
परिसीमन के अनुसार वार्ड 82 की ज्यादातर जनसंख्या पिपरिया, सोनपुर, उमरिया में है। क्षेत्रीयजनों ने सुझाव दिया है कि क्षेत्र की जोन कार्यालय से दूरी ज्यादा है। इसके मद्देनजर क्षेत्र में उप जोन कार्यालय बनाया जाए। वार्ड 61 के कुछ हिस्से को दूसरे वार्ड में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। मौजूदा वार्ड में टेढ़ीनीम क्षेत्र को शामिल किया गया है। पूर्व पार्षद रत्नेश सोनकर ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी आपत्ति में कहा की टेढ़ीनीम क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट पर अवैध बसाहट बसी है। हाईकोर्ट जमीन को खाली कराने आदेश कर चुका है। अतिक्रमण हटाए जाने पर ये क्षेत्र खाली हो जाएगा। ऐसे में वार्ड की जनसंख्या काफी कम हो जाएगी।
पार्षद दिनेश सिंगरौली ने वार्डों के क्षेत्रफल पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने बताया है कि शहीद गुलाब सिंह वार्ड का क्षेत्रफल 6 वर्ग किलोमीटर के लगभग है। जबकि गिरिराज किशोर कपूर वार्ड का क्षेत्रफल महज 1 वर्ग किलोमीटर है। परिसीमन में वार्डों का क्षेत्रफल भी इस प्रकार से रखा जाए जिससे सभी वार्डों में विकास कार्य एक जैसा हो सके। दक्षिण सिविल लाइन पचपेढ़ी स्थित कैलाशपुरी कॉलोनी को किसी वार्ड में शामिल नहीं किया गया है। कॉलोनी के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इस विसंगति को दूर करने की मांग क ी है। एमआईसी सदस्य कमलेश अग्रवाल ने सुभाषचंद्र बोस बैनर्जी वार्ड को क्षेत्रफल के मद्देनजर दो वार्डों में बांटने का सुझाव दिया है। परिसीमन के लिए निगम की संपदा शाखा ने मैप तैयार किया है। मैप का कई स्थानों पर वार्डों की चौहद्दी से मिलान ही नहीं हो रहा है। इस पर भी लोगों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है। मसलन ट्रांसपोर्ट नगर राममनोहर लोहिया वार्ड में है, जबकि निगम की ओर से तैयार मैप में इस क्षेत्र को राजीव गांधी वार्ड में दर्शाया गया है।