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रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कईयों को ठगा

locationजबलपुरPublished: Jan 21, 2019 12:00:25 am

Submitted by:

santosh singh

सहायक शिक्षक ने बेटी की नौकरी के लिए दी थी रकम, तीन अन्य भी पीडि़त, रांझी में करायी शिकायत दर्ज, गिरफ्तार

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जबलपुर. रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक जालसाल ने सहायक शिक्षक और उसके परिचितों को एक लाख रुपए की चपत लगा दी। शिकायत पर रांझी पुलिस ने जालसाज के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया है।
डिलाइट कम्पाउंड सिविल लाइंस निवासी एनोक्स विक्टर महगवां में सहायक शिक्षक हैं। 15 दिन पहले कैरवासा रोड पर एक व्यक्ति मिला। उसने खुद का परिचय बनारस निवासी अमित उपाध्याय के रूप में दिया। बताया कि वह प्लाट खरीदने बेचने का काम करता है। प्लॉट बिकवाने पर उसे भी कमीशन का लालच दिया। एनोक्स ने अमित को एक-दो जगह प्लाट भी दिखाए। परिचय के बाद अमित ने बताया कि उसके रेलवे में बड़े अधिकारियों से सम्पर्क हैं। उसकी बातों में आकर एनोक्स ने बेटी सहित रिश्तेदार मार्गेट बॉटनर और परिचित मनीष व रूपाली को नौकरी दिलाने के एवज में 25-25 हजार की दर से एक लाख रुपए अमित को दिए।
जीएम आफिस की लिस्ट दिखाकर पैसे लेने पहुंचा
तीन दिन बाद अमित एक लिस्ट लेकर पहुंचा, कहा यह जीएम आफिस है और सभी का नाम लिस्ट में आ गया है। सप्ताह भर में सभी को नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। संदेह होने पर विक्टर ने रेलवे के डीआरएम और जीएम कार्यालय में पता किया, तो वहां से बताया गया कि कोई भर्ती नहीं हो रही है। अमित उससे और पैसे की मांग कर रहा था। विक्टर ने पैसे वापस मांगे तो उसने मना कर दिया। यहीं नहीं वह रूपाली, ओझा से पैसे लेने भी पहुंच गया। जिसकी सूचना पर पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
नाम भी फर्जी बताया था
रांझी पुलिस ने आरोपी अमित उपाध्याय को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो पता चला कि उसने गलत नाम बताया था। वह जौनपुर यूपी निवासी मनोज उपाध्याय है। उसके पास से 12 छात्रों की मार्कशीट, अन्य कागजात, फर्जी लिस्ट डीआरएम कार्यालय की दो सील, रेलवे सहित विभिन्न कम्पनियों की कई सिमें और 75 हजार रुपए नकदी जब्त किए। पुलिस ने ठगी के रुपए से खरीदी गई सोने की अंगूठी भी जब्त की है। ढाई लाख रुपए अपने परिचित के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात बताई है।
घाटा पर ट्रेडिंग कम्पनी बंद कर करने लगा फर्जीवाड़ा
पुलिस के मुताबिक मनोज उपाध्याय ने बताया कि उसकी मुम्बई मे विपुल मैटल ट्रेडिंग कम्पनी नाम से फर्म थी। जहां स्क्रैप गलाने का काम होता था। वर्ष 2015 मं घाटा होने पर कंपनी बंद कर मां विंध्यवासिनी ट्रेडिंग कम्पनी भिवाड़ी राजस्थान के लिए काम कर रहा था। वह विभिन्न शहरों में जाकर स्क्रैप खरीद कर भिवाड़ी राजस्थान भेजता है। पिछले 20 दिनों से शहर के अलग-अलग होटल में रह रहा था। मनोज के तीन बैंक खातों की भी जानकारी लगी है।

 

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