दिवाली के लिए बाजार सज चुका है। दीपक, लाइट , फूल और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां भी मार्केट में देखीं जा रही हैं।
diwali
जबलपुर। दिवाली के लिए बाजार सज चुका है। दीपक, लाइट , फूल और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां भी मार्केट में देखीं जा रही हैं। केले के झाड़ काटकर ग्रामीण क्षेत्रों से दुकानदार आ चुके हैं और इनकी दुकानें भी सजी हुई हैं। आम दिनों की बजाए सभी चीजें महंगी कीमतों पर बिक रही हैं। लेकिन घरों की खूबसूरती बढ़ाने और चायना प्रोडक्ट्स के बहिष्कार के चलते लोग इन्हें महंगी कीमतों पर भी खरीद रहे हैं।
केले के झाड़ घरों में त्योहार के अवसर पर सजाना नया नही है। परंपरागत रूप से केले के झाड़ शुभ माने जाते रहे हैं और घर के दरवाजे को सजाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। कहा जाता है कि ये हरियाली का प्रतीक तो हैं ही साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु भी शुभ कार्य या पूजन में इनके इस्तेमाल से प्रसन्न होते हैं। हालांकि चायना प्रोडक्ट्स के बहिष्कार के बाद बीते सालों की तुलना में इस बार इनकी डिमांड अधिक है।
गेंदे के फूल जो आमतौर पर सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं भी 50 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। आमदिनों की बजाए इन दिनों बढ़ी केले के झाड़ और फूलों की मांग बढऩे की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से किसान इन्हें लेकर शहर पहुंचते हैं। दिवाली से पहले इनकी खेती की जाती है ताकि त्योहार के दौरान अच्छी कीमत मिल सके।