एमपी स्टेट ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड का मामला
‘रुक जाना नहीं’ योजना के अंतर्गत दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में जबलपुर जिले से करीब 7 हजार छात्र शामिल हुए थे। पूरे प्रदेश से करीब 1 लाख 25 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। इन छात्रों को एमपी स्टेट ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड की मार्कशीट जारी की गई है। गुलाबी रंग में जारी की गई इन मार्कशीट का कागज इतना पतला और निम्न गुणवत्ता का है कि इसे बड़ी हिफाजत के साथ उठाना रखना पड़ता है। योजना में दसवीं, बारहवीं फेल छात्रों को मौका दिया जाता है।
माशिमं से चार गुना शुल्क वसूली – राज्य ओपन द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल की तुलना में छात्रों से परीक्षा के नाम चार चार गुना शुल्क वसूला जा रहा है जबकि मार्कशीट माशिमं से भी निम्न गुणवतता की प्रदान की जा रही है। जिसे लेकर छात्रों में नाराजगी है।
‘रुक जाना नहीं’ योजना के अंतर्गत दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में जबलपुर जिले से करीब 7 हजार छात्र शामिल हुए थे। पूरे प्रदेश से करीब 1 लाख 25 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। इन छात्रों को एमपी स्टेट ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड की मार्कशीट जारी की गई है। गुलाबी रंग में जारी की गई इन मार्कशीट का कागज इतना पतला और निम्न गुणवत्ता का है कि इसे बड़ी हिफाजत के साथ उठाना रखना पड़ता है। योजना में दसवीं, बारहवीं फेल छात्रों को मौका दिया जाता है।
माशिमं से चार गुना शुल्क वसूली – राज्य ओपन द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल की तुलना में छात्रों से परीक्षा के नाम चार चार गुना शुल्क वसूला जा रहा है जबकि मार्कशीट माशिमं से भी निम्न गुणवतता की प्रदान की जा रही है। जिसे लेकर छात्रों में नाराजगी है।
एमपी स्टेट ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी के अनुसार मार्कशीट का कागज निर्धारित ग्रेड के अनुसार जारी किया गया है। मार्कशीट को सुरक्षित रखने के लिए छात्र लेमिनेशन कराकर रखें। यदि शिकायत आई है, तो जांच कराई जाएगी।
प्रिंटिंग भी घटिया
मार्कशीट क्वालिटी को लेकर छात्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के कार्यालय पहुंच रहे हैं। निम्न क्वालिटी एवं खराब प्रिटिंग के चलते कई बार छात्र मार्कशीट के फर्जी होने तक की बात कहने लगते हैं। छात्र राजपाल सिंह और अभिभावक रामलाल सोनी का कहना है कि बारहवीं कक्षा की मार्कशीट बेहद ही घटिया है। उसके किनारे फटे हैं प्रिटिंग भी ठीक नहीं है। बेटे की दसवीं कक्षा की मार्कशीट लेने पहुंचे तो मार्कशीट बेहद ही घटिया निकली। देखने में ऐसा लगता है कि फर्जी मार्कशीट है।