जबलपुर

साल के इन 14 दिनों में होने वाले विवाह ही शुभ, जानिए क्या है मामला

इस साल देव जागने पर भी नहीं बजेगी शहनाई, तुलसी-शालीग्राम विवाह के 18 दिन बाद मुहूर्त, कम दिनों के मुहूर्त में इस वर्ष होंगे अधिक विवाह

जबलपुरSep 26, 2017 / 11:16 am

deepankar roy

Marriage in these 14 days of the year is auspicious

जबलपुर। हिन्दू मान्यताओं में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद तुलसी-शालीग्राम विवाह के पूजन के साथ ही शादियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसा बरसों से होता चला आ रहा है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। पूरे साल में इस बार में सिर्फ 14 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त है। इन मंगल दिनों की शुरुआत भी देवउठनी ग्यारस और देव प्रबोधिनी एकादशी की शुभ बेला के करीब 18 दिन बाद हो रही है। हालंकि कई परिवार प्रचलित परंपरानुसार देवउठनी ग्यारस पर ही विवाह बंधन समारोह की तैयारी कर रहे है।
ऐसी है मान्यता
भगवान विष्णु के निद्रा के जागने के दिन से विरात्रि पूर्ण व्रत पूरा होने के साथ तुलसी-शालीग्राम विवाह से मंगल बंधन शुरू होते हैं। दीपावली से 11वें दिन यानी देवउठनी एकादशी 31 अक्टूबर को है। गणनाओं के अनुसार वृश्चिक राशि में सूर्य का प्रवेश 17 नवम्बर को है। सूर्य के वृश्चिम राशि में प्रवेश के साथ ही 19 नवम्बर से शुभ मूहूर्त में शादियां आरंभ होंगी। खास बात ये है कि अगले साल 19 नवम्बर को ही देवउठनी एकादशी है। अगले साल भी यानी वर्ष 2018 में भी शादियां 19 नवम्बर से आरंभ हो रही हैं।
गीता जयंती पर अधिक शादियां
22 नवम्बर को विनायक चौथ व्रत है। 23 नवम्बर को श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव है, इस दिन विवाह पंचमी भी है। इस विशेष मुहूर्त में अनेक शादियां हैं। इसके बाद 29 नवम्बर को मोक्षदा एकादशी के गीता जयंती को अधिक शादियां होंगी। वैसे नवम्बर में विवाह के 8 और दिसम्बर में 6 मुहूर्त हैं। कुल मिलाकर शीत ऋतु के इन दिनों में केवल दो सप्ताह ही शादियां होंगी।
कम दिन में होगी अधिक शादी
इस वर्ष नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के केवल 14 मुहूर्त हैं। पंडितों के मुताबिक शादियों में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। विवाह यदि शुभ योग में हो तो उसके परिणाम भी बेहतर और समृद्धिकारक होते हैं। जीवन में विवाह के बाद बदलाव आते हैं, स्त्री जिसे हमारी मान्यताओं में हमारा बायां अंग माना गया है, उसके आने से समृद्धि और उत्तरोत्तर प्रगति के रास्ते खुल जाते हैं। इस वर्ष 22, 23, 29 एवं 30 नवम्बर को शहर में विशेष मुहूर्त में सबसे अधिक शादियां होने वाली हैं। इन कम दिनों में सबसे अधिक शादी होगी।
अगले साल के विवाह मुहूर्त
पंडितों के अनुसार जनवरी माह के ब्रेक के बाद फरवरी में फिर शादियां आरंभ होंगी। इसमें फरवरी में 4, 5, 7, 8, 9, 11, 18, 19, मार्च में 3, 4, 12 अप्रैल में 19, 20, 25, 27 एवं मई में 2, 4, 6, 11, 12, 13, एवं जून 18, 21, 23, 29, 3, जुलाई 5, 6, 7, 11, 15, 16, 18, 19, 20, 21, 22 फिर वर्षा देवशयनी एकादशी से ब्रेक होगा। अगले साल 19 नवम्बर से फिर शीत ऋतु में शादियां आरंभ होंगी।
इन दो दिन में पंडित से पूछे बिना कर लें शादी
सनातन धर्म में दो मुहूर्त ऐसे बताए गए हैं जिनमें विवाह करने से किसी पंडित और विद्वान से पूछने की भी जरूरत नहीं है। ग्रीष्म काल में अक्षय तृतीया को और बारिश की समाप्ति और शीत ऋतु के आरंभ होने पर देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह के साथ शादियां की जाएं तो मूहूर्त पूछने की आवश्यकता नहीं होती। इस साल भी ऐसे अनेक परिवार हैं, जो आगे ज्यादा मुहूर्त न होने पर खास तौर पर एकादशी के दिन शादियां करने वाले हैं। सूर्य गणना से अलग ये विवाह मुहूर्त माने जाते हैं।

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