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जबलपुर

mp ka mahamukabla:: पानी लिखेगा इस विधानसभा की नई कहानी, वीडियों में सुनें पब्लिक की जुबानी

पूर्व विधानसभा में हुई जन एजेंडा की बैठक

जबलपुरSep 16, 2018 / 10:08 pm

Premshankar Tiwari

Mass agenda meeting in purva vidhansabha jabalpur

Mass agenda meeting in purva vidhansabha jabalpur

जबलपुर। पूर्व विधानसभा क्षेत्र में अभी भी विकास की रोशनी उस तरह नहीं पहुंची है, जैसा कि चुनावों में वादा किया गया था। गंदगी और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ इस बार पेयजल संकट यहां का प्रमुख मुद्दा रहेगा। यह बात रविवार को पत्रिका के संयोजन में नालबंद मोहल्ला में हुई जन एजेंडा बैठक में सामने आयी। मुस्लिम समुदाय की बहुलता वाली इस विधानसभा में गंदगी, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, संकीर्ण सड़कें और पेयजल संकट बड़ी समस्या हैं। बैठक में जनता ने दो टूक कहा कि समस्याओं से निजात दिलाने का माद्दा रखने वाले को ही इस बार अपना नेता बनाएंगे।


कोई नहीं देता ध्यान
स्थानीय नागरिक अमीनुद्दीन, अलाउद्दीन और बबलू कुरैशी ने कहा कि इलाके में गंदगी का अंबार लगा रहता है। शिकायतों के बावजूद यहां सफाई नहीं होती। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की कमी है। बेहतर शिक्षा के लिए अच्छे स्कूलों का भी अभाव है। पिछले चुनाव में उम्मीदवारों ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं, लेकिन वे हकीकत के धरातल पर नहीं उतर पायीं। बेरोजगारी के कारण बढ़ रहा अपराध भी यहां की बड़ी समस्या है। बैठक में मोहम्मद लियाकत, आबिद, अयूब अंसारी, नसीम अंसारी, लल्लू कुरैशी, तौकीर अंसारी, रसीद अंसारी, मुख्तार अंसारी, शमीम, इम्तियाज, मुईन, अजीज, महबूब अंसारी आदि शामिल रहे।

जल संकट से जूझ रहा है इलाका
नागरिकों ने बताया कि पूर्व विधानसभा क्षेत्र के पुनीत नगर, निर्भय नगर, कबीर कुटी आदि पहाड़ी इलाके शामिल हैं। इस पूरे क्षेत्र में पथरीली जमीन है। जल संकट यहां की बड़ी समस्या है। जनवरी के महीने में ही क्षेत्र के नलकूप सूख जाते हैं। क्षेत्र में पानी की तो टंकी बनाई गईं, लेकिन उनमें पानी नहीं भर पाता है। आलम ये है कि हर परिवार का एक सदस्य पूरे समय पानी की व्यवस्था में जुटा रहता है। क्षेत्र के ज्यादातर लोग मजदूरी पर निर्भर हैं। यहां एक शासकीय डिस्पेंसरी थी, जिस पर आसपास के लोग इलाज के लिए निर्भर थे। डिस्पेंसरी रजा चौक में शिफ्ट कर दी गई। नतीजतन झोलाछाप डॉक्टरों की यहां चांदी हो गई है। बढ़ते अपराध व नशे का कारोबार क्षेत्र की बड़ी समस्या है। इन पर अंकुश लगाने का भरोसा दिलाने वाले व्यक्ति को ही इस बार अपना नेता चुनेंगे।

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