व्यापमं घोटाला: पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन एसएन विजयवर्गीय की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
डेंटल, नर्सिंग, पैरामेडिकल भी
एमबीबीएस में एनआरआई कोटे में प्रवेश में फर्जीवाड़ा सामने आया था। अब यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन सिस्टम में बदलाव किया है। प्रवेश आवंटन पत्र के आधार पर सत्यापन के बाद संबंधित अधिकारी अपने लॉगिन से ओके करेंगे। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने बुधवार को सत्र १८-१९ के लिए एमपी ऑनलाइन को कार्य के लिए परमिशन दी है। अनुबंध की प्रक्रिया पूर्ण होते ही एजेंसी कार्य शुरू करेगी। मप्र में मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं आयुष के 336 कॉलेज हैं।
एेसे होगा बदलाव
कॉलेज छात्र-छात्राओं का रजिस्टे्रशन करेंगे। उसके बाद प्रवेश के आवंटन पत्र, माइग्रेशन व डिग्री की प्रति मंगाई जाएगी। दस्तावेज सत्यापन के बाद नामांकन होगा। इसमें प्रवेश की वैधता पहले ही पता चल जाएगी। नीट या प्रवेश परीक्षा के नम्बर से एजुकेशन का रेकॉर्ड प्राप्त होगा।
यह भी होगी सुविधा
– डॉटा लीक होने का जोखिम कम, पारदर्शिता बढ़ेगी
– हेल्प डेस्क की शिकायत का जवाब छात्र-छात्राओं के लॉगिन आईडी में भेजा जाएगा
– नए साफ्टवेयर से प्रवेश और परीक्षा परिणाम जारी करने में कम समय
– एमपी ऑनलाइन के कियोस्क के माध्यम से छात्र-छात्राओं की सुविधा मिलेगी।
परमिशन दे दी है
मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में कुलपति डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार मेडिकल यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन कार्यों के लिए एमपी ऑनलाइन को परमिशन दे दी है। साफ्टवेयर में विशेषताएं बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अब सत्यापन के बाद छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा, एेसा सिस्टम बनाया जा रहा है।