एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर 45 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी को जमानत नहीं
हाईकोर्ट ने अर्जी की निरस्त
तीन साल चक्कर काटने के बाद शिकायत
अभियोजन के अनुसार बिहार के जलालपुर, पटना निवासी संदीप करवरिया पर भोपाल एसटीएफ ने 2021 में भादवि की धारा 420 सहित अन्य के तहत मामला दर्ज किया। रीवा निवासी विवेक मिश्रा की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ। अधिवक्ता योगेश सोनी ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता के पुत्र प्रतीक मिश्रा ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नही हुआ। कंसल्टेंसी एजेंसी चलाने वाले आरोपी ने इस जानकारी का फायदा उठाते हुए शिकायतकर्ता को फोन कर उसके पुत्र का एमबीबीएस में एडमिशन कराने का झांसा दिया। इस बहाने से उसने शिकायतकर्ता से 45 लाख रुपए हड़प लिए। 2018 से लगातार चक्कर काटने के बाद शिकायत की गई। इस मामले में एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर 20 अगस्त 2021 को उसे गिरफ्तार किया। निचली अदालत से जमानत की अर्जी खारिज होने पर आरोपी की ओर से हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी पेश की गई।
पहले दी जमानत, आपत्ति के बाद खारिज
गत सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे, अधिवक्ता प्रियंक अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि आरोपी धोखाधड़ी की रकम 3 लाख 70 हजार रुपए जमा करने को तैयार है। इस पर हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत देने का आदेश दे दिया। शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता योगेश सोनी ने कोर्ट को वस्तुस्थिति से अवगत कराया कि मामला 45 लाख रुपए की धोखाधड़ी का है। तर्क से सहमत होकर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि आरोपी सफेदपोश अपराध कर रहा है और छात्रों व उनके अभिभावकों को धोखा दे रहा है।