scriptएमबीबीएस डॉक्टर गांव में जाना नहीं चाहते, 77.5 प्रतिशत पद खाली | MBBS doctors don't want to go to village, 77.5 percent posts vacant | Patrika News
जबलपुर

एमबीबीएस डॉक्टर गांव में जाना नहीं चाहते, 77.5 प्रतिशत पद खाली

चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र

जबलपुरNov 29, 2019 / 12:00 pm

deepankar roy

doctor.jpg

Doctor Transfer

जबलपुर. एमबीबीएस डॉक्टर गांवों में इलाज करने नहीं जाना चाहते। इसका प्रमाण यह है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों के 77.5 प्रतिशत पद खाली हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह लड़खड़ा गई है। डॉक्टरों के शहर से लगाव का अंदाजा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ डॉक्टरों की संख्या के बड़े अंतर से भी लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में सेवा देने वाले डॉक्टरों की संख्या १६ प्रतिशत ज्यादा है। डॉक्टरों की कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की बुरी स्थिति है। ग्रामीण मरीजों को शीघ्र और उचित उपचार एवं परामर्श नहीं मिल पाता है। उन्हें शहर के अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते है।

तीन स्पेशलिस्ट के भरोसे पूरे गांव

स्वास्थ्य विभाग में स्पेशलिस्ट (प्रथम श्रेणी) डॉक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों (मेडिकल ऑफिसर्स) की नियमित नियुक्ति होती है। जिले में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के ७० और मेडिकल ऑफिसर्स के ४५ प्रतिशत पद खाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जिले में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के ४५ पद हैं। लेकिन, सिर्फ तीन स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही पदस्थ हैं। इन तीन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के भरोसे जिले के सभी गांवों के मरीज हैं।

आदिवासी क्षेत्र में स्थिति ज्यादा खराब

जिले के आदिवासी क्षेत्रों की स्थिति और ज्यादा खराब है। आदिवासी बाहुल्य कुंडम क्षेत्र के कुंडम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के छह पद पर महज एक नियुक्त है। क्षेत्र में बेहतर सुविधा के लिए केंद्र में तीन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन, ये सारे पद खाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बरेला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महज एक चिकित्सक के भरोसे है। मझगवां में चिकित्सकों के दोनों पद खाली हैं। कटंगी स्वास्थ्य केंद्र में भी एक डॉक्टर है। पाटन में नियुक्त दो डॉक्टर में भी एक को कटंगी में सेवा देने जाना पड़ता है।

जिले में स्थिति

विशेषज्ञों (प्रथम श्रेणी) चिकित्सक
वर्ग : स्वीकृत : कार्यरत : रिक्त
जिला : 96 : 29 : 67
शहर : 51 : 26 : 25
ग्रामीण : 45 : 02 : 43

चिकित्सा अधिकारी (एमओ)

वर्ग : स्वीकृत : कार्यरत : रिक्त
जिला : 97 : 53 : 44
शहर : 43 : 31 : 12
ग्रामीण : 54 : 22 : 32

चिकित्सा संस्थान…

01 जिला अस्पताल
03 सिविल अस्पताल
05 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
209 उप स्वास्थ्य केंद्र
(नोट: स्वास्थ्य विभाग के संस्थान)

असुविधा न हो, इसके लिए प्रयास

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष कुमार मिश्रा के अनुसार जिले में चिकित्सकों की कमी है। खाली पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग के साथ पत्राचार किया जा रहा है। इस दिशा में सरकार भी प्रयास कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को असुविधा न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो