ये है मामला
प्रदेश के तीन प्राइेवट कॉलेजों ने एमबीबीएस डी बैच के छात्र-छात्राओं से छुटकारा पाने के लिए गलत जानकारी देकर उनके परीक्षा फॉर्म एमयू को फॉरवर्ड किए हैं। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने ऐसे कुछ छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र गलत जानकारी के साथ परीक्षा की पात्रता के लिए अनुशंसा करते हुए एमयू को भेज दिए। अपात्र होने के बावजूद विद्यार्थी इस महीने शुरू हुई एमबीबीएस सेकेंड और एमबीबीएस फायनल पार्ट-1 की परीक्षा में शामिल हो गए।
नौ आवेदन खारिज
एमयू को प्रारंभिक जांच में नौ विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन पत्र में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। सूत्रों के अनुसार जांच में पांच अन्य विद्यार्थी भी परीक्षा के लिए अपात्र मिले है। इनके परिणाम रोकने के आदेश जारी किए हैं।
कसेगा शिकंजा
परीक्षा सम्बंधी पात्रता की प्रारंभिक जांच के बाद विद्यार्थी के आवेदन पत्र को संबंधित कॉलेज के प्राचार्य विश्वविद्यालय को अग्रेषित करते है। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट कॉलेज में डी बैच के एमबीबीएस के कुछ छात्र-छात्राओं का 18 महीने का टेन्योर पूरा नहीं था।
इन कॉलेजों के फॉर्म में गड़बड़ी
– सुख सागर मेडिकल कॉलेज
– अमलतास मेडिकल कॉलेज
– चिरायु मेडिकल कॉलेज
एमबीबीएस के कुछ छात्र-छात्राओं के परीक्षा सम्बंधी आवेदन पत्रों में पात्रता को लेकर गड़बड़ी मिली है। इन्हें अग्रेषित करते वक्त एमसीआइ के नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। गलत जानकारी के साथ विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, तो उनके परिणाम घोषित नहीं होंगे।
– डॉ. आरएस शर्मा, कुलपति, मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय