कॉलेज में चिकित्सकों की उपस्थिति जांचने के लिए ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था की गई। इसके लिए बायोमेट्रिक डिवाइस का लिंक एमसीआइ से किया जाना है। सॉफ्टवेयर के जरिए समस्त चिकित्सकों की उपस्थिति रेकॉर्ड किया जाना है। जरुरत पडऩे पर एमसीआइ चिकित्सकों की हाजिरी का किसी भी वक्त ऑनलाइन परीक्षण कर सकती थी।
46 के तकरीबन बायोमेट्रिक डिवाइस इंस्टॉल की गई है कॉलेज में चिकित्सकों की उपस्थिति के लिए।
25 से ज्यादा बायोमेट्रिक डिवाइस खराब बताई जा रही है। जो चालू है उनकी भी मॉनीटरिंग नहीं होती।
30 से अधिक स्थानों पर कॉलेज में डिवाइस लगाई। इसमें विभाग, ओपीडी, ओटी तक शामिल।
30 विभाग है कॉलेज में
273 के लगभग डॉक्टर
17 के लगभग प्रोफेसर कॉलेज में
101 के करीब एसोसिएट प्रोफेसर
50 के करीब असिसटेंट प्रोफेसर
45 के तकरीबन डैमोस्ट्रेटर
51 के लगभग सीनियर रेसीडेंस
09 के करीब जूनियर रेसीडेंस
चिकित्सकों की उपस्थिति के लिए पिछले वर्ष ही बायोमेट्रिक डिवाइस इंस्टॉल की गई थी। उससे पहले से कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक डिवाइस है। ये डिवाइस अब भी काम कर रही है। लेकिन चिकित्सकों के लिए इंस्टॉल की गई अधिकांश डिवाइस 5-6 माह के अंदर ही खराब हो गई। चर्चा इस बात की है कि लेटलतीफी पर परदा डालने के लिए इन डिवाइस को कहीं जान-बूझकर खराब तो नहीं किया गया। इसमें सुधार नहीं होने से जिम्मेदारों की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आशुतोष अवस्थी, संभागायुक्त