नर्सेज यूनियन का आरोप है कि सूबे का चिकित्सा शिक्षा विभाग पिछले 11 साल से उनकी मांगों को नहीं मान रहा है। वो कहती हैं कि विभाग से जब भी मांग की जाती है तो वो वित्त विभाग के पास भेजता है और वित्त विभाग डीएमई के पास। लेकिन समस्या जस की तस है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में वो नियमित तौर पर मध्याह्न अवकाश काल में आधे आधे घंटे प्रदर्शन कर रही हैं।
नर्सेज यूनियन का कहना है कि उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान की परवाह किए बगैर, बिना थके, बिना रुके संक्रमित मरीजों की सेवा की। इसके लिए सरकार को हमें धन्यवाद करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो वे किसी भी समय हड़ताल पर जाने को विवश होंगी, जिसकी जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।
उन्होंने पत्रिका को बताया कि पुरुष नर्सों की नियुक्ति, ट्रांसफर सहति अन्य मागो को लेकर आंदोलित हैं और अब वो झुकने वाली नहीं हैं। अपनी मांग पूरी करा कर ही दम लेंगी। कहा कि जब तक हम आंदोलन के प्रथम चरण में प्रदर्शन कर रहे हैं उस दौरान अगर हमें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो हड़ताल पर जाना तय है। हड़ताल केवल जबलपुर मेडिकल कॉलेज में नहीं बल्कि प्रदेश के सभी छह मेडिकल कॉलेज में होगी। नर्सेज सारा काम-काज ठप कर देंगी।
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रदर्शन कर रही नर्सेज ने अपने शरीर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग, वित्त मंत्रालय लिखी पट्टियां लगा रखी हैं। मुंह को बंद कर रखा है। वो अपनी पोशाक में हैं और प्रदर्शन के दौरान भी मास्क, फेश कवर आदि लगाए हुए हैं।