यहां से उठा धुंआ:
दो दिन पहले जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्ति को लेकर भोपाल में एसीएस राधेश्याम जूलानिया के साथ चली मैराथन बैठक में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को सातवां वेतनमान दिए जाने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान टीचर एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। डॉक्टरों के वेतन बढ़ाने की मांग की भनक विभाग तक पहुंची तो नई तरकीबें भी सुझाए जाने लगे। सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मिला। इसमें सातवें वेतनमान का मामला रखा गया। अधिकारियों ने वेतन बढ़ाने की सहमति जताई, लेकिन प्राइवेट प्रेक्टिस बंद करने की शर्त भी रखी दी। इस बात पर सहमति नहीं बनी तो अधिकारियों ने चिकित्सकों को प्रैक्टिस और कमीशन के बतौर आय बढ़ाने का विकल्प भी सुझाया।
दो दिन पहले जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्ति को लेकर भोपाल में एसीएस राधेश्याम जूलानिया के साथ चली मैराथन बैठक में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को सातवां वेतनमान दिए जाने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान टीचर एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। डॉक्टरों के वेतन बढ़ाने की मांग की भनक विभाग तक पहुंची तो नई तरकीबें भी सुझाए जाने लगे। सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मिला। इसमें सातवें वेतनमान का मामला रखा गया। अधिकारियों ने वेतन बढ़ाने की सहमति जताई, लेकिन प्राइवेट प्रेक्टिस बंद करने की शर्त भी रखी दी। इस बात पर सहमति नहीं बनी तो अधिकारियों ने चिकित्सकों को प्रैक्टिस और कमीशन के बतौर आय बढ़ाने का विकल्प भी सुझाया।
डॉक्टरों को प्रस्ताव :
-कॉलेज के अस्पताल में शाम को ओपीडी नहीं है। डॉक्टर चाहें तो ओपीडी शुरू कर सकते हैं। -शाम की ओपीडी प्राइवेट की तर्ज पर होगी। इसका शुल्क डॉक्टर आपसी सहमति से तय कर सकेंगे।
-शाम की ओपीडी से प्राप्त शुल्क का 50 फीसदी चिकित्सक को मिलेगा। शेष स्वशासी मद में जमा होगा।
-कॉलेज के अस्पताल में शाम को ओपीडी नहीं है। डॉक्टर चाहें तो ओपीडी शुरू कर सकते हैं। -शाम की ओपीडी प्राइवेट की तर्ज पर होगी। इसका शुल्क डॉक्टर आपसी सहमति से तय कर सकेंगे।
-शाम की ओपीडी से प्राप्त शुल्क का 50 फीसदी चिकित्सक को मिलेगा। शेष स्वशासी मद में जमा होगा।
-आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीज के क्लेम की फीसदी राशि बतौर इंसेंटिव चिकित्सक को मिलेगी।
-प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं करें। नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) की राशि 25 से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी जाएं। इसलिए कस रहे शिकंजा :
-प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं करें। नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) की राशि 25 से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी जाएं। इसलिए कस रहे शिकंजा :
चिकित्सा शिक्षा विभाग मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों से चिकित्सकों की लापरवाही की लगातार आ रही शिकायतों से परेशान है। सूत्रों के अनुसार अस्पतालों की ओपीडी में चिकित्सक समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। ओपीडी खत्म होने के पहले ही अधिकतर सीनियर डॉक्टर चले जाते हैं। प्राइवेट अस्पताल में मरीज देखने की हड़बड़ी में वार्ड का राउंड लिए बना ही चले जाते हैं। प्राइवेट अस्पताल में इमरजेंसी ऑपरेशन होने पर उसे प्राथमिकता देते हैं।
डॉक्टर कर रहे इनकार :
डॉक्टर कर रहे इनकार :
मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रहे कई डॉक्टरों की प्राइवेट प्रेक्टिस से प्रतिदिन औसतन 5 से 50 हजार रुपए की अतिरिक्त कमाई करते हैं। जबकि प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं करने वाले चिकित्सकों को सरकार वेतनमान के बेसिक का 25 फीसदी नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) देती है। सूत्रों के अनुसार एनपीए की राशि कई डॉक्टरों को प्राइवेट प्रेक्टिस से मिलने वाली राशि के अपेक्षाकृत बेहद कम है। इस कारण डॉक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस जारी रखने के साथ ही सातवें वेतनमान का लाभ चाहते हैं।
मेडिकल अस्पताल में डॉक्टर :
मेडिकल अस्पताल में डॉक्टर :
– 17 के लगभग प्रोफेसर कॉलेज में
– 101 के करीब एसोसिएट प्रोफेसर – 50 के करीब असिसटेंट प्रोफेसर
– 45 के तकरीबन डैमोस्ट्रेटर – 51 के लगभग सीनियर रेसीडेंस
– 09 के करीब जूनियर रेसीडेंस
– 101 के करीब एसोसिएट प्रोफेसर – 50 के करीब असिसटेंट प्रोफेसर
– 45 के तकरीबन डैमोस्ट्रेटर – 51 के लगभग सीनियर रेसीडेंस
– 09 के करीब जूनियर रेसीडेंस
-273 के लगभग चिकित्सक मेडिकल अस्पताल में
– 100 से अधिक चिकित्सक करते हंै प्राइवेट प्रेक्टिस -50 के लगभग चिकित्सक को मिलता हैं एनपीए -65 हजार से एक लाख रुपए तक इनका प्रतिमाह वेतन
-80 हजार से डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह तक होगी 7वें वेतनमान से
– 100 से अधिक चिकित्सक करते हंै प्राइवेट प्रेक्टिस -50 के लगभग चिकित्सक को मिलता हैं एनपीए -65 हजार से एक लाख रुपए तक इनका प्रतिमाह वेतन
-80 हजार से डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह तक होगी 7वें वेतनमान से