टलता गया मामला
सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का भवन करीब एक साल से बनकर तैयार है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हॉस्पिटल की शुरुआत की योजना बनाई गई। लेकिन, एक केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम आखिरी वक्त पर टलने के कारण दो बार हॉस्पिटल की शुरुआत रुक गई। उसके बाद आचार संहिता के फेर में दो महीने तक हॉस्पिटल की शुरुआत का मामला अटका रहा। विस चुनाव के बाद मामला तकरीबन ठप पड़ा रहा। इस बीच लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने से हॉस्पिटल के लोकार्पण का मामला फिर दो महीने के लिए टलना तय माना जा रहा है।
ओपीडी भी शुरू नहीं हो पाई
हॉस्पिटल की शुरुआत में अतिथियों के आगमन की तारीख तय नहीं होन के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं होने से भी बाधा आयी। सूत्रों के अनुसार हॉस्पिटल सुपर स्पेशिएलिटी का आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर जुटा लिया गया है। लेकिन, हॉस्पिटल की जरूरत के आधे सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर्स भी अभी तक नहीं मिले हैं। ऐसे में गरीब मरीजों को राहत देने के लिए मौजूदा सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सकों के बूते सिर्फ हॉस्पिटल में ओपीडी शुरू करने की योजना बनाई गई थी। इस कोशिश ने भी राजनीतिक दांव-पेंच में दम तोड़ दिया है।
बेहतर उपचार, सस्ती सर्जरी
सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में हार्ट, किडनी और न्यूरो संबंधी रोगों के आधुनिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने का प्रस्ताव है। इसमें एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, ट्रांसप्लांट सहित जटिल रोगों की आधुनिक तकनीक से सुपर स्पेशलिस्ट सर्जरी करेगी। इन बीमारियों के उपचार पर निजी अस्पतालों में मरीजों से लाखों रुपए फीस वसूला जाता है। सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के खुलने पर गरीब मरीजों को बेहतर उपचार और अपेक्षाकृत काफी कम शुल्क पर सर्जरी की सुविधा मिलेगी। डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के अनुसार सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल जल्द से जल्द शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है।
यह है स्थिति
– 2016 में शुरू हुआ निर्माण
– 206 बिस्तर है हॉस्पिटल में
– 20 आधुनिक आइसीयू है इसमें
– 150 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
– 100 पद है चिकित्सकों के
– 21 चिकित्सकों की भर्ती
– 01 अधीक्षक पद अभी रिक्त