-शिक्षकों की ट्रेनिंग
-प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना
-तकनीकी सहायता के लिए परामर्श देना
-नैक टीम द्वारा किए जाने वाले सवाल
-छात्र-छात्राओं का आरिएंटेशन
-कैम्पस में शिक्षण सुविधा बढ़ाने
-एप्लस के लिए किए जाने वाले प्रयास
-वर्कशॉप का आयोजन करना
-महाविद्यालयों के साथ एमओयू करना
जबलपुर।
सरकारी कॉलेजों की गुणवत्ता सुधारने और नैक की गिरती हुई ग्रेडिंग के कारण साख को भी बट्टा लग रहा है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग इसे लेकर खासा चितिंत है। ऐसे फिसड्डी सरकारी कॉलेजों की स्थिति सुधारने के लिए अब मेंटर संस्थान बनाकर ऐसे कॉलजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। क्योंकि जिले में कोई शासकीय कॉलेज ए प्लस केटेगरी में शामिल नहीं हो सका है तो वहीं कई कॉलेजों की ग्रेडिंग पहले से कमतर हो गई तो कुछ बढ़ाने में असफल रहे हैं। नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) की अनिर्वयाता और बेहतर ए ग्रेडिंग हासिल करनेकी दौड़ में शासकीय कॉलेज निजी कॉलेजों की तुलना में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने जिले में अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त करने वाले महाविद्यालयों को फिसड्डी रहने वाले कॉलेजों का मेंटर बनाया जा रहा है। प्रदेश में करीब ऐसे आधा सैकड़ा कॉलेजों को जोड़ा जा रहा है।
48 कॉलेजों में बढ़ाएंगे गुणवत्ता
प्रदेश के 6 महाविद्यालयों को मेंटर अथार्त परामर्श केंद्र के रूप मे चिन्हित किया गया है। इसमें जबलपुर से सेंट अलायसियस कॉलेज एवं मातागुजरी महिला महाविद्यालय कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा रीवा, भोपाल, इंदौर को मिलाकर 8 कॉलेजों को परामर्श संस्थान के रूप में चुना गया है। इन कॉलेजों के माध्यम से प्रदेश के 48 कॉलेजों की ग्रेडिंग बढ़ाने प्रयास किए जाएंगे। पूरे प्रदेश में केवल 1 शासकीय टीआरएस कॉलेज रीवा एवं 7 निजी महाविद्यालय ए प्लस में शामिल हैं।
सख्त नियम में फेल हो रहे कॉलेज
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नैक ग्रेडिंग को लेकर कड़े नियम बनाए हैं। जिस पर सरकारी कॉलेज खरा नहीं उतर पा रहे हैं। मेंटर कॉलेजों के अधीन किए गए मेंटी कॉलेजों में ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए आवाश्यक सलाह और मार्गदर्शन देंगे। इसके लिए समय समय पर कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाएगा।यह है कॉलेजों की स्थितिशहर के सबसे बड़े साइंस कॉलेज अपनी ग्रेडिंग नही बढ़ा सका। पूर्ववत ए ग्रेड से संतोष करना पड़ा। होमसाइंस कॉलेज की ग्रेडिंग ए से बी हो गई। वहीं महाकोशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय को बड़ी मुश्किल से बी ग्रेड हासिल हो सका। वहीं पाटन कॉलेज डी ग्रेड पर बना हुआ है। मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय ए में शामिल है जबकि रांझी कन्या कॉलेज बी प्लस, सिहोरा बी प्लस टू, कुण्डम कॉलेज बी एवं पनागर कॉलेज बी में अटका है।