scriptMessage : बेटियों ने अंतिम समय में निभाया बेटे का फर्ज, मां की अर्थी को दिया कांधा, किया अंतिम संस्कार | Message to society : Daughters fulfilled son's duty at the last moment | Patrika News
जबलपुर

Message : बेटियों ने अंतिम समय में निभाया बेटे का फर्ज, मां की अर्थी को दिया कांधा, किया अंतिम संस्कार

बेटियों ने मां की अर्थी को दिया कांधा, किया अंतिम संस्कार

जबलपुरAug 22, 2019 / 09:38 pm

tarunendra chauhan

Khandwa,cremation,funeral,Khargone,daughters,Khandwa news,funeral process.,cremation news,Hindu cremation funeral,Funeral Cemetery,cremation pyre,women in cremation,daughters performed last rites,son's duty,

funeral by daughters

खरगोन. खरगोन जिले के बड़वाह में मंगलवार को वृद्धा (90)का निधन हो गया। मृतका की छह संतान हैं, जिसमें सभी बेटियां हैं। बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाकर समाज में फैले बेटे और बेटी में फर्क करने वालों को बड़ी सीख देने का काम किया है। बेटियों ने मां की अर्थी को न केवल कांधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार भी किया। बेटियों के द्वारा मां की अर्थी को ले जाते जिसने भी देखा, वह बेटियों के इस कार्य की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए।

ये है मामला
बड़वाह हाउसिंग बोर्ड निवासी शांताबाई (90) पति शोभाराम कदम का निधन हो गया। शान्ताबाई का पुत्र नहीं है। समाज के लोगों ने जब परिवार के लोगों से सवाल किया कि अंतिम संस्कार कौन करेगा। ऐसे में शान्ताबाई की छह बेटियों ने समाज के पुराने रीति-रिवाज को तोड़ते हुए मां का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। लड़कियों ने न केवल शान्ताबाई की अर्थी को कांधा दिया, बल्कि मां को मुखाग्नि भी दी। लड़कियों द्वारा मां की अर्थी को कांधा देखते जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हो गईं।

शांताबाई के दामाद विपिन जैन ने बताया की सोमवार रात्रि में शांताबाई की तबियत खराब होने पर शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार को उनका निधन हो गया। शांताबाई की छह बेटियों ललिता कदम, सलिता कदम, मंगला कदम, निशा कदम, विमला कदम एवं मीनाक्षी जैन सहित अन्य रिश्तेदार भी पहुंचे। ऐसे में सभी बेटियों ने एक स्वर में रिश्तेदारों को बताया की मां ने बचपन से हम सभी का लालन-पालन बेटों की तरह कर आत्मनिर्भर बनाया है। हमने आजीवन माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारी एक पुत्र की तरह निभाई है। इसलिए हमने तय किया की अंतिम संस्कार भी सभी बहने मिलकर करेंगे। मटकी लेकर सबसे छोटी बेटी मीनाक्षी चल रही थी। जिसने भी यह दृश्य देखा वह अपने आंसू रोक नही पाया। मुक्तिधाम में मीनाक्षी ने मां को मुखाग्नि दी। विपिन ने बताया की अंतिम संस्कार के बाद के सभी कर्मकांड पुत्रियां ही करेंगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो