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उद्यान, खेल परिसर हैं पानीदार, भूगर्भ में पहुंचा सकता है करोड़ों लीटर पानी

locationजबलपुरPublished: Jun 17, 2019 01:30:05 am

Submitted by:

shyam bihari

बड़ी संख्या में छोटे-बड़े उद्यान हैं नगर निगम के पास

hiran river dry, people are watering for water

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यह है स्थिति
-350 से ज्यादा उद्यान शहर में
-04 बड़े उद्यान (शैलपर्ण, डुमना नेचर पार्क, शारदा नगर उद्यान, भंवरताल उद्यान)
-10 से ज्यादा खेल मैदान
जबलपुर। उद्यान, खेल परिसरों में ज्यादातर जमीन खुली हुई है। जिससे होकर बारिश के पानी का कुछ हिस्सा तो जमीन में जाता है, लेकिन उनकी संरचना के कारण काफी पानी बहकर निकल जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार थोड़े से प्रयास के जरिए ये व्यर्थ बह जाने वाला करोड़ों लीटर पानी भूगर्भ में पहुंचाया जा सकता है। बशर्ते समय रहते आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर लिया जाए। नगर निगम के सभी पार्षद जल संवर्धन के लिए आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में पार्षद मद के जरिए प्रत्येक वार्ड में स्थित उद्यानों में जल संवर्धन की वृहद संरचना व सोखपिट बनाए जा सकते हैं।
उद्यानों में आसानी से बन सकता है इंफ्रास्ट्रक्चर
शहर में नगर निगम के साढ़े तीन सौ से ज्यादा छोटे-बड़े उद्यान हैं। वर्षा जल संवर्धन के लिए इन उद्यानों में टोपोलॉजी के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर आसानी से लाखों लीटर जल जमीन में पहुंचाया जा सकता है।
खेल मैदान बेहतर विकल्प
शहर में नगर निगम के खेल परिसरों से लेकर विश्वविद्यालय व कॉलेजों के बड़े खेल मैदान हैं। जिनमें जरा से प्रयास के जरिए जलसंवर्धन का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर पूरे बारिश सीजन में लाखों लीटर जल भूगर्भ में पहुंचाया जा सकता है। इन प्रमुख मैदानों में रानीताल खेल परिसर, राइट टाउन स्टेडियम, रांझी खेल परिसर, साइंस कॉलेज मैदान, महाकौशल कॉलेज मैदान, मेडिकल कॉलेज मैदान, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मैदान, कृषि कॉलेज मैदान, वेटरनरी कॉलेज मैदान शामिल हैं।

शहर में ज्यादातर जमीनों पर कांक्रीटेड ढांचे बनते जा रहे हैं, जिसके कारण जमीन में बारिश का पानी सीधे तौर पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में शहर के उद्यान व खेल मैदान भूजल संवर्धन के लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं। जिनमें थोड़े से प्रयास के जरिए भू जल संवर्धन का आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर भू गर्भ में वर्षा का जल पहुंचाया जा सकता है।
भूजल विद्, विनोद दुबे

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