दिन-रात कर रहे उत्खनन
भटौली में नर्मदा पर बने नए पुल के पार खनन माफिया ने मुरम और मिट्टी के उत्खनन का नया ठिकाना ढूंढ लिया है। मंगेली-तिलहरी के बीच नवनिर्मित मार्ग पर प्रशासन, पुलिस और खनिज विभाग की आवाजाही कम है। इसका फायदा उठाकर माफिया नर्मदा तट के किनारे दिन-रात उत्खनन कर रहे हैं। इसके बाद
भी जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं है।
जेसीबी, पोकलेन से खुदाई
जेसीबी और पोकलेन मशीनों से मिट्टी खोदी जा रही है। दरअसल खनिज विभाग यह जांच कर ही नहीं रहा है कि जिले में कितने स्थानों पर मुरम-मिट्टी का उत्खनन हो रहा है, कहां-कहां खनन की अनुमति दी गई है। डम्पर, हाइवा और मिनी ट्रक से मुरम व मिट्टी का परिवहन हो रहा है। हर 15-20 मिनट में वाहन भरकर मौके से रवाना हो रहे हैं।
नहीं हो रही बड़ी कार्रवाई-
खनन माफिया को सबक सिखाना तो दूर खनिज विभाग नियमित कार्रवाई भी नहीं कर रहा है। खनिज विभाग का अमला कार्रवाई के नाम पर जाता भी तो ये कहकर बैरंग लौट आता है की मौके पर कोई नहीं मिला या फिर खननकर्ता भाग निकले। स्पॉट पर कार्रवाई के मामले में खनिज विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है। इस संबंध में खनिज निरीक्षक देवेन्द्र पटले ने कहा कि मौके पर टीम भेजकर जांच कराएंगे। अवैध रूप से उत्खनन होते पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
रॉयल्टी बचाने का खेल
खनन माफिया मुरम व मिट्टी की खुदाई में रॉयल्टी बचाने का खेल-खेल रहे हैं। एेसी सरकारी जमीनें जिन तक पहुंच आसान नहीं है, उनमें अवैध उत्खनन कर रहे हैं। एेसा करके वे सरकारी खजाने को भी चूना लगा रहे हैं।