वीएफजे में उत्पादन, डिलेवरी के लिए पहुंची टीम
यह वाहन सेना के साथ राज्यों की पुलिस और अद्र्धसैनिक बलों की जरूरतों को पूरा करता है। इसकी सबसे ज्यादा जरूरत नक्सल और आतंकवाद प्रभावित इलाकों में रहती है। यह वाहन खतरनाक बारूदी सुरंगों से निपटने में सैनिकों को रक्षा कवच प्रदान करता है। इसलिए लगातार इस वाहन को वीएफजे ने सेना की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाइड किया है। अभी सबसे आधुनिक वाहन तैयार किया जा रहा है।
दो दर्जन से ज्यादा वाहन की डिलेवरी
सीआरपीएफ ने वीएफजे से दो दर्जन से ज्यादा मॉडिफाइड माइन प्रोटेक्टिड वीकल (एमएमपीवी) की मांग की थी। उसमें से कुछ वाहन तो पहले डिलेवर हो गए थे, अब एक और लॉट भेजा जाना है। इसे तैयार करने के लिए वीएफजे प्रबंधन सक्रिय है। रविवार को भी फैक्ट्री में इससे जुड़ा हुआ काम हुआ, ताकि समय पर उन्हें वाहन उपलब्ध करवा दिया जाए। इसके लिए सीआरपीएफ की विशेषज्ञों की टीम लगातार वीएफजे का दौरा कर रही है। इसी तरह सेना और आइटीबीपी की ओर से भी इस वाहन की मांग की जा रही है।
कई तरह की खूबियां
इस वाहन की कई खूबियां हैं। खासकर एमएमपीवी की। वाहन को इस तरह अपग्रेड किया गया है कि हर परिस्थिति में दुश्मनों से इसमें बैठे सैनिक सुरक्षित रहें। इसमें ज्यादा क्षमता का इंजन लगाया गया है। पूरी तरह से बुलेट फ्रूफ इस वाहन में विजन कैमरा से लेकर दुश्मन पर जवाबी फायरिंग के लिए फायरिंग पोर्ट, ज्यादा क्षमता के विस्फोट को सहन करने के लिए मजबूत हल जैसी सुविधाएं हैं।