खनिज विभाग, राजस्व और पुलिस विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सिहोरा तहसील क्षेत्र में बेला महगवां के पास अवैध रूप से संचालित आयरन ओर की खदान पर छापा मारा था। यह राजस्व की भूमि है। खसरे में पहाड़-चट्टान के रूप में दर्ज है। यहां करीब 25 सौ वर्गफीट क्षेत्र में अवैध खदान बनाई गई। गहराई में मशीनों की सहायता से करोड़ों रुपए कीमत का आयरन ओर निकाला गया। संयुक्त टीम ने यहां से चार हाइवा और एक जेसीबी जब्त की थी। इन वाहनों के नम्बर के आधार पर संचालक के तौर पर जसजीत सिंह वालिया का नाम आया है। वालिया की हरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में ब्रोकल हिल नाम की कंपनी है, जिसमें आयरन ओर का वेनीफिकेशन होता है।
मझौली तहसील के अंतर्गत चन्नौटा गांव की एक खदान में वालिया ने करीब डेढ़ एकड़ भूमि से अवैध तरीके से आयरन ओर निकाला। वह वन भूमि है। यह अलग प्रकार का अपराध है। यहां करोड़ों का आयरन ओर निकाला गया। सूत्रों का कहना है कि उसे वालिया ने अपनी फैक्ट्री में खपाया है। अब खनिज विभाग दोनों जगह से चोरी किए गए आयरन ओर का आंकलन कर रहा है। वालिया की एक वैध खदान भी है, लेकिन वह करीब 20 किमी दूर जाकर आयरन ओर का अवैध खनन करा रहा था। दोनों जगह गहरे गड्ढ़े करके आयरन ओर निकाला गया। खनिज विभाग की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में शनिवार को इन खदानों की नापजोख की। शुरुआती आंकलन में पता चला है कि जो आयरन ओर निकाला गया, वह अच्छी ग्रेड का है। उसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इस बीच आधिकारिक तौर पर उसका ग्रेड तय करने के लिए उसे क्षेत्रीय कार्यालय में स्थित राज्य स्तरीय प्रयोगशाला में भेजा गया है। आने वाले दो से तीन दिनों में प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिल जाएगी। उसके आधार पर बाजार मूल्य एवं रॉयल्टी तय करके जुर्माना लगाया जाएगा।
खनिज अधिकारी एसएस बघेल का कहना है कि दोनों खदानों की जांच के बाद निकाले गए आयरन ओर की मात्रा का आंकलन किया गया है। इसी प्रकार ग्रेड की जांच के लिए उसका सैम्पल प्रयोगशाला भेजा है। वाहनों के रजिस्टे्रशन के आधार पर अवैध खनन में जसजीत सिंह वालिया का नाम सामने आया है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आने बाद उसके खिलाफ कलेक्टर कोर्ट में प्रकरण भेजा जाएगा।