जिले में इसके लिए तीन जगह का चयन कर लिया है। इनमें एक भेडा़घाट रोड, दूसरा सिहोरा क्षेत्र में बरनू तिराहा और तीसरा चेक पोस्ट तिलवारा ब्रिज के पास बनाया जाएगा। जिले के खनिज का परिवहन ज्यादातर इन्हीं मार्गों से किया जाता है। हाल ही में सिविल टीम ने जबलपुर का दौरा किया था। आने वाले समय में तकनीकी टीम इनकी स्थापना करेगी। इसमें हाई रेजूलेशन वाले कैमरा से लेकर तमाम प्रकार के उपकरण लगाए जाएंगे, जो गड़बड़ियां पकड़ेंगे।
हर साल 200 प्रकरण बनते हैं: खनिज कार्यालय हर साल अवैध रूप से खनिज का परिवहन एवं ओवरलोडिंग के 200 प्रकरण बनाता है। सबसे ज्यादा मुरम, गिट्टी और रेत की चोरी होती है। अभी विभाग के पास चोरी रोकने या पकड़ने के लिए औचक निरीक्षण और शिकायत के अलावा कोई आधार नहीं होता। चोरी करने वाले निरंतर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अभी केवल रेत के ठेकेदारों ने अपनी-अपनी चौकियां बना रखी हैं। इनमें माइनिंग कारपोरेशन के कर्मचारी भी बैठते हैं।
ई-खनिज पोर्टल से निकलेगा बारकोड: अभी खदान संचालकों को ई खनिज पोर्टल के जरिए ईटीपी जारी होती है। नाके बन जाएंगे, तो ई-खनिज पोर्टल से बारकोड निकालकर उन्हें वाहनों पर लगाना होगा। इसी बार कोड को कैमरे स्कैन करेंगे। यह कैमरे ई-पोर्टल से जुडे़ रहेंगे। कोई कमी नजर आती है तो तुरंत इसकी सूचना खनिज कार्यालय पहुंच जाएगी।
जिले में खनिज चोरी को रोकने के लिए मानव रहित चेक पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए तीन जगहों का चयन किया गया है। जल्द ही इनकी स्थापना काम पूरा होगा।
डॉ. आरके दीक्षितजिला खनिज अधिकारी