बता दें कि प्रभारी मंत्री भार्गव दो दिवसीय जबलपुर प्रवास पर थे। इस दौरान मीडिया के उप चुनाव को लेकर टिकट बंटवारे से संबंधित सवालों के जवाब में उन्होंने नेता पुत्रों को टिकट देने का विरोध किया। कहा कि हर बार इमोशनल कार्ड सफल हो जाए यह जरूरी नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जिसमें यह देखा गया कि जब भी किसी बड़े नेता के या फिर विजयी रहे प्रत्याशी के वारिसों को उपचुनाव में टिकट दिया गया तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसका ताजा उदाहरण आगर मालवा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश की 4 सीटों पर उपचुनाव होना है, इसमें एक संसदीय सीट है तो तीन विधानसभा सीटें हैं। इस उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों में टिकट के दावेदारों ने ताल ठोकनी शुरू कर दी है।