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मंत्री लखन घनघोरिया के बयान विवादित पर हाईकोर्ट ने कहा… आज अभी जारी कर देंगे ऑर्डर-जानें मामला

locationजबलपुरPublished: Sep 26, 2019 04:29:07 pm

Submitted by:

Lalit kostha

minister lakhan ghanghoria : आपराधिक अवमानना कोई सामान्य शब्द नहीं है, बहुत खतरनाक कानूनी व्यवस्था हो गई है। जिससे मुझे कोर्ट बंद करने की टिप्पणी करनी पड़ी।

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jabalpur ministers news/ अतिक्रमण को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई और उस पर हो रही कार्रवाई को लेकर 15 सितम्बर को एक कार्यक्रम के दौरान मप्र में कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि कोई भी सिद्ध बाबा पहाड़ी से अतिक्रमणों को नहीं तोड़ सकता। जिसे हाईकोर्ट की अवमानना मानते हुए अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने एक जनहित याचिका दायर कर दी। मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर की, साथ ही हाईकोर्ट बंद कर देने तक की बात कह डाली। जस्टिस झा व जस्टिस वीके शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि मंत्री लखन घनघोरिया के कथित वक्तव्य पर सरकार अपना पक्ष दो दिन के अंदर प्रस्तुत करने के साथ ही कलेक्टर व कमिश्नर को पेश होने के लिए कहा था। इस आदेश के बाद पूरे प्रदेश में हडक़ंप की स्थिति बन गई।

मंत्री के बयान पर भडक़े मप्र चीफ जस्टिस बोले कल से हाईकोर्ट बंद कर दें: पढ़ें पूरा मामला

 

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याचिका पर गुरुवार को सुनवाई में कलेक्टर व कमिश्नर नहीं पहुंचे तो हाईकोर्ट ने गुस्सा जाहिर करते हुए ये तक कह दिया कि लाखों सैलरी लेकर भी कलेक्टर और कमिशनर नहीं आए। इससे साफ जाहिर होता है कि उन्होने कुछ नहीं किया।
महाधिवक्ता कोर्ट की नाराजगी को शांत करने के लिए पूरा जोर लगाते हुए नजर आए, इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा ने कहा सॉरी बोलने से कुछ नहीं होगा। माफी आदमी को मिलती है, सरकार के हिस्से को असंभव है माफी देना। रिपोर्ट को देखकर कोर्ट ने कहा सिर्फ समय लेते हैं रिपोर्ट पेश नहीं करते। आज की रिपोर्ट औचित्यहीन है।

ज्यादा मनुहार की तो अभी आदेश
महाधिवक्ता द्वारा बार बार की जा रही मनुहार पर कोर्ट ने साफ साफ कड़े शब्दों में कह दिया कि आपराधिक अवमानना कोई सामान्य शब्द नहीं है, बहुत खतरनाक कानूनी व्यवस्था हो गई है। जिससे मुझे कोर्ट बंद करने की टिप्पणी करनी पड़ी। यह गंभीरता को दर्शाता है। कोर्ट अब एक इंज भी नहीं डिगेगी, ज्यादा मनुहार की तो आज अभी मंत्री लखन घनघोरिया के खिलाफ ऑर्डर पास कर देंगे। माफी के लिए ये तक कहा गया कि इस बार माफ कर दें, आगे ऐसी गलती की तो मंत्री को ही हटा देंगे। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने सरकार को 3 अक्टूबर तक का मौका देते हुए तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा ‘लॉ मेकर-लॉ ब्रेकर नहीं हो सकता’

 

 

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यह है मामला
अधिवक्ता श्रेयस पंडित की ओर से मंत्री लखन घनघोरिया के खिलाफ याचिका पेश कर आरोप लगाया गया कि मंत्री ने 15 सितम्बर को एक आमसभा में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की है। मंत्री ने कहा कि सिद्धबाबा सहित अन्य पहाडिय़ों के एक भी मकान टूटने नहीं दूंगा। घनघोरिया ने कहा कि मैंने नगर निगम के वकील अंशुमान सिंह को फोन पर समझा दिया है, कौन क्या शिकायत कर रहा है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके लिए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। वहीं अधिवक्ता जकी अहमद ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्तगजेंद्र सिंह नागेश का तबादला हाईकोर्ट के निर्देश के पालन में अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के कारण दबाव में किया गया है।

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