प्रकरण के अनुसार सितंबर 2007 में मुलताई में बोंदरू पारधी और उसकी पत्नी डोडल बाई पारधी की हत्या कर दी गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ से कराई गई। सीबीआइ ने इस मामले में हीरालाल लोखंडे और अन्य के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर आरोप पत्र पेश किया था। सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश माया विश्वलाल ने 12 सितंबर 2018 को प्रकरण की सुनवाई के दौरान मुलताई से विधायक और वर्तमान में पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे, राजा पंवार, संदीप सांबले, विजय डॉक्टर, उमेश डांगे, कचरू सरपंच, सुरेश सरपंच और सेवानिवृत्त एसडीओपी दिनेश साकल्ले को आरोपी बनाने का आदेश जारी किया था। आरोपियों की ओर से दलील दी गई कि 11 साल पुराने मामले में उन्हें राजनीतिक द्वेषवश आरोपी बनाया जा रहा है। फरियादी अलसिया पारधी की ओर से तर्क दिए गए कि सीबीआइ न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर ही मामले में आरोपी बनाए थे। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सेवानिवृत्त एसडीओपी दिनेश साकल्ले के खिलाफ दर्ज प्रकरण को खारिज कर दिया। पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे, राजा पंवार, संदीप सांबले, विजय डॉक्टर, उमेश डांगे, कचरू सरपंच और सुरेश सरपंच की याचिका खारिज कर दी है। इनके खिलाफ मामले में सुनवाई जारी रहेगी।