यह है मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार तिलवारा रोड स्थित सगड़ा निवासी विपिन पांडे नामक युवक २५ नवंबर २०१६ को मां कर्मा बचत शाख प्राथमिक सहाकारी समिति पहुंचा। उसने वहां के अध्यक्ष किशोर साहू से मुलाकात की। इस दौरान विपिन ने अपना नाम डॉ. राजकुमार पांडे बताया। किशोर उसकी बातों और विश्वास में आ गए। इसके बाद २६ नवंबर २०१६ को वह पुन: किशोर के पास पहुंचा। अध्यक्ष से बताया कि उसके ऊपर कई लोगों का कर्ज है। जिसमें उसका घर और गाड़ी भी गिरवी रखे हुए हैं। यदि उसे समिति से लोन मिल जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। किशोर उसकी बातों में आ गए और कर्ज देने के लिए हामी भर दी।
पेश किए पिता के दस्तावेज
किशोर ने कर्ज के लिए सारी औपचारिकताएं विपिन को समझाईं। विपिन ने उनके समक्ष खुद को अपने पिता डॉ. रामकुमार पांडे के रूप में प्रस्तुत किया था। इसलिए उसने अपने मृत पिता की सारी आईडी व दस्तावेज किशोर के कार्यालय में जमा कर दिए। दस्तावेजों के आधार पर किशोर ने उसे दो लाख रुपए का कर्ज दे दिया।
ऐसे खुला राज
कर्ज लेने के बाद डॉ. राजकुमार यानी विपिन का महीनों तक कोई पता नहीं चला। समिति अध्यक्ष किशोर ने उससे संपर्क करना चाहा, लेकिन वह नहीं मिला। उन्होंने सगड़ा गांव जाकर डॉ. रामकुमार पांडे का नाम पूछा तो लोगों ने बताया कि वे तो कई साल पहले गुजर चुके हैं। किशोर ने हुलिया आदि बताया तो ग्रामीणों ने जानकारी दी कि जिसे वे रामकुमार समझ रहे हैं, वह रामकुमार नहीं बल्कि उनका बेटा विपिन है। यह सुनकर किशोर व उनके साथी हैरान रह गए। वे समझ गए कि विपिन ने पिता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। बाद में उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की।
जेल में बंद है युवक
किशोर मामले की शिकायत लेकर कोतवाली थाने पहुंचे। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि विपिन शातिर बदमाश है। वह इस समय एक दुराचार के मामले में जेल में बंद है। फिलहाल पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज कर लिया है।